राज्य में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान का उठाव शुरू

राज्य में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान का उठाव शुरू
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रायपुर : राज्य में समर्थन मूल्य पर किसानों से उपार्जित किए जा रहे धान के उठाव एवं कस्टम मिलिंग के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अब तक 720 मिलर्स से अनुबंध की प्रक्रिया पूरी कर ली है। उपार्जन केन्द्रों से अनुबंधित मिलर्स द्वारा कस्टम मिलिंग के लिए सीधे धान का उठाव भी शुरू कर दिया गया है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश के परिपालन में खाद्य विभाग द्वारा बीते वर्ष की भांति इस वर्ष भी राज्य में धान खरीदी के साथ-साथ केन्द्रों से उपार्जित के उठाव एवं कस्टम मिलिंग की समानांतर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि उपार्जित धान का समय-सीमा में निराकरण हो सके। राज्य में धान के उठाव, कस्टम मिलिंग एवं सेन्ट्रल पुल में छत्तीसगढ़ के कोटे का चावल समयावधि में जमा कराने को लेकर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलर्स से लगभग सवा महीने पहले से ही कस्टम मिलिंग अनुबंध प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी, अब तक राज्य के 720 मिलर्स अनुबंध हो चुका है, शेष मिलरों से अनुबंध की प्रक्रिया जारी है।

गौरतलब है कि राज्य में बीते एक नवम्बर से धान खरीदी शुरू कर दी गई है। बीते छह दिनों में राज्य के 37 हजार से अधिक किसानों से 1 लाख 11 हजार 619 मेट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। उपार्जित धान के विरूद्ध कस्टम मिलिंग के लिए अब तक लगभग 13.32 लाख मेट्रिक टन धान की मिलिंग अनुमति एवं 7.93 लाख मेट्रिक टन धान का अनुबंध जारी किया जा चुका है, जो कि अब तक उपार्जित धान की तुलना में काफी अधिक है। उपार्जित धान के उठाव हेतु डीओ जारी करने एवं धान का उठाव का कार्य भी प्रारंभ किया जा चुका है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय के लिए राज्य के 25.89 लाख किसानों का पंजीयन रकबा 31.32 लाख हेक्टेयर है, जो राज्य बनने के बाद से अब तक का सर्वाधिक पंजीयन है। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में राज्य के किसानों के हित में प्रदेश में धान उपार्जन 01 नवम्बर 2022 से शुरू हो चुका है, जो 31 जनवरी 2023 तक अनवरत रूप से जारी रहेगा। प्रदेश में उपार्जित धान के त्वरित उठाव व निराकरण हेतु मिल पंजीयन के संबंध में दिशा-निर्देश भी राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी प्रारंभ होने के पूर्व 27 सितम्बर 2022 को प्रसारित किये गये थे। प्रदेश में धान के उठाव, निराकरण व कस्टम मिलिंग हेतु मिलों के पंजीयन, अनुमति एवं अनुबंध का कार्य भी धान उपार्जन प्रारंभ होने के साथ ही शुरू कर दिया गया है।

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