छत्तीसगढ़ के संघी हो या भाजपाई मोदी और मोहन भागवत के आगे इनकी बोलती रहती है बन्द

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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के आरएसएस और नक्सली संगठनों की प्रदेश से बाहर संचालन की जो बातें कहीं है वो कटु सत्य है। भाजपा के तिलमिलाह बता रही है तीर निशाने पर लगी है। भाजपा के नेताओं को बताना चाहिये आजादी के दिन से लेकर आज तक हिन्दु, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई, सभी धर्म समप्रदाय के लोगों ने तिरंगा फहराया, लेकिन आरएसएस के मुख्यालय में 50 साल तक तिरंगा क्यों नहीं फहराया गया? आरएसएस मुख्यालय में तिरंगा फहराने गये युवाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों करवायी गयी?

छत्तीसगढ़ के संघ नेताओं को नागपुर मुख्यालय से जो आदेश मिलता है वो चाहें छत्तीसगढ़ के कला संस्कृति परंपरा तीज त्यौहार आचरण के विपरीत हो छत्तीसगढ़ के संघी पालन करते है। छत्तीसगढ़ माता कौशल्या का मायका माना जाता है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी ने वनवास काल के दौरान शबरी के झूठे बेर खाकर प्रेम का संदेश दिया। बाबा घासी दास ने मनखे-मनखे एक समान का संदेश दिया जो छत्तीसगढ़ की मूल भावना है, लेकिन आरएसएस के स्थानीय नेता इसके विपरती जाकर छत्तीसगढ़ में धर्म को धर्म से लड़ाने वैमनस्यता फैलाने नागपुर के आदेश का पालन करते है।आरएसएस से जुड़े लोग कई बार सार्वजनिक मंचो से एवं संघ के आंतरिक कार्यक्रमों में सविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के बनाये संविधान को बदलने की बात कह चुके है। और नक्सली तो भारतीय संविधान के विपरीत ही काम करते है। जिस प्रकार से छत्तीसगढ़ में नक्सली अपने विचारधारा को आम जनता के ऊपर लादने के लिए हिंसा का मार्ग अपनाते हैं।

संविधान के खिलाफ काम करते हैं। आरएसएस भी अपने विचारधारा को आमजनता के ऊपर जोर जबरदस्ती लादने की कोशिश करती है। दोनों में अंतर सिर्फ इतना है कि नक्सली गोली का सहारा लेती है और आरएसएस से जुड़े लोग वैमनस्यता फैलाने वाली जहरीली बोली का। दोनों सामाजिक समरसता एकता अखंडता भाईचारा को खंडित करने वाले क्रिया कलापों से पीछे नही हटती है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ संघ के नेता नागपुर के आदेश में तीन बार रमन भाजपा की सरकार बनाये। दो बार केंद्र में मोदी की सरकार बनाये लेकिन दोनों सरकार ने किसानों, मजदूरों, महिलाओं, युवाओं के साथ धोखा देने का काम किया। मोदी सरकार तो सरकारी सम्पत्ति को कौड़ी के मोल बेच रही है। देश की नवरत्न कम्पनियों, रेलवे स्टेशन, रेल्वे हवाई अड्डा, विमान कम्पनी, गेल, भेल, पेट्रोलियम कम्पनी, सहित लगभग हर सरकारी संस्थानों को चंद पूंजीपत्तियो को सौंप रही है और आरएसएस मौन है। तीन कृषि कानून देश पर थोपा जा रहा है जिसके खिलाफ देश भर के किसान आंदोलनरत है आरएसएस मौन है।

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