तीसरी लहर से बचाव के लिए मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, पंच व शिक्षकों को दिया प्रशिक्षण

तीसरी लहर से बचाव के लिए मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, पंच व शिक्षकों को दिया प्रशिक्षण
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दुर्ग, 27 जुलाई 2021। ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण से बचाव एवं संभावित तीसरी लहर को देखते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयारियां की जा रही है। जिले के निकुम ब्लॉक के अंतर्गत हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ननकट्ठी में आज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं , मितानिन, पंच, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिला- पुरुष व शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया| प्रशिक्षण में सभी पात्र 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को टीकाकृत किए जाने के लक्ष्य के साथ वृहद पैमाने पर टीकाकरण का कार्य को शत् प्रतिशत पूरा करने को लेकर चर्चा की गई| प्रशिक्षण में 9 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 25000 ग्रामीण आबादी को स्वस्थ्य व सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण को प्राथमिकता देने पर जोर दिया गया है। इस दौरान बताया गया कि यदि बच्चों में संक्रमण बढ़ता है तो उनका किस तरह से उपचार किया जाए। इसके अलावा मरीज को किस प्रकार आक्सीजन, एंटीबायोटिक्स या अन्य दवा देना है उसकी भी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान अस्पताल की तकनीकी व्यवस्था से भी रूबरू करवाया गया।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ननकट्ठी प्रभारी डॉ. आशा बंसोड़ ने बताया, तीसरी लहर को लेकर स्टॉफ की ट्रेनिंग और अलग से वार्ड तैयार कर लिया गया है। स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ जरुरी संसाधन जुटाए जा रहे हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव की सुविधा प्रदान करते हुए लेवर रुम को सुरक्षित किया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत तीन उप स्वास्थ्य केंद्र में भी जरुरी दवाईयों का स्टॉक भंडारण कर लिया गया है।

तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण की संभावना को देखते हुए एहतियात के तौर पर आंगनबाड़ी केंद्रोंव स्कूली बच्चों के सेहत की देखभाल को गंभीरता से लेना है। बच्चों को बुखार, सर्दी-खांसी, उल्टी-दस्त आने पर तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराना होगा। मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गृहभ्रमण के दौरान गर्भवती महिलाओं, शिशुवती माताओं सहित बच्चों के देखभाल के प्रति परिवार के मुखिया को सतर्क रहने के लिए प्रेरित करना है। ताकि तीसरी लहर में किसी भी तरह की स्थिति से निपटा जा सके।

डॉ. आशा बंसोड़ का कहना है यदि कोरोना की तीसरी लहर आती है तो यह बच्चों के लिए खतरनाक साबित होने से बेहतर प्रबंधन से बचाया जा सकता है।इसलिए हमने शासन के निर्देश पर अपने स्टाफ के लिए विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया।

प्रशिक्षण में बताया गया 18 वर्ष के ऊपर के लोगों को टीका लगाया जा रहा है और बहुत से लोगों को टीके की एक या दूसरी डोज लग चुकी है। ऐसे में कोविड की तीसरी लहर में बच्चे के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है। बच्चों को संक्रमण से बचाव के लिए परिवार के सभी बढे सदस्यों को टीकाकरण कराकर सुरक्षित करना चाहिए। साथ परिवार के सदस्यों को कोविड-19 के गाइड लाइन का पालन करते हुए मास्क, सेनेटाइजर, 2 गज की दूरी का पालन करना चाहिए। तीसरी लहर से बचने के लिए सावधानी के साथ टीकाकरण कराना जरुरी है।

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