महासमुंद के आत्महत्या-प्रकरण के लिए मुख्यमंत्री बघेल को अफ़सोस और अपराध-बेध होना चाहिए : भाजपा

महासमुंद के आत्महत्या-प्रकरण के लिए मुख्यमंत्री बघेल को अफ़सोस और अपराध-बेध होना चाहिए : भाजपा
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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने महासमुंद से लगे ग्रान बेमचा के एक परिवार की महिला द्वारा अपनी पाँचों बेटियों के साथ की गई आत्महत्या को हृदयविदारक घटना बताते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। डॉ. सिंह ने कहा कि सामूहिक आत्महत्या की इस घटना पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अफ़सोस और अपराध-बोध होना चाहिए क्योंकि गंगाजल हाथ में लेकर शराबबंदी का जो वादा कांग्रेस ने किया था, अगर उसे वे निभा देते तो ये 06 जानें बच जातीं। शराबबंदी पर विश्वासघात के लिए छत्तीसगढ़ की मातृ-शक्ति कांग्रेस सरकार को माफ़ नहीं करेगी।

भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि बिना कोई ठोस नीति निर्धारित किए येन-केन-प्रकारेण शराब बेचने को लालायित सरकार के लिए यह बेहद शर्मनाक है कि वह शराब बेचने में भी दोहरे चरित्र का प्रदर्शन कर रही है। डॉ. सिंह ने तंज कसा कि लॉकडाउन के दौरान स्प्रिट पीने से हुई मौतों पर प्रदेश सरकार ने यह तर्क देकर कि, शराब नहीं मिलने के कारण लोग स्प्रिट आदि पीकर मर रहे हैं, शराब की ऑनलाइन बुकिंग और होम डिलीवरी शुरू की ताकि शराबप्रेमियों की जान बचाई जा सके। तो अब, जबकि शराब पीने के कारण पारिवारिक कलह बढ़ी है और उससे लोगों की जान जा रही है, क्या प्रदेश सरकार लोगों की जान बचाने के लिए शराबबंदी करेगी? डॉ. सिंह ने कहा कि कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझते परिवारों में महिलाएँ रोज-रोज की कलह के चलते जीवन से हताश होकर आत्मघात का कठोर निर्णय लेने विवश हो रही हैं। प्रदेश सरकार पता लगाए कि ऐसे और कितने परिवार हैं, जहाँ शराबखोरी के कारण महिलाएँ जीवन से हार मानकर आत्मघात की मनोदशा में हैं?

भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि भाजपा जाँच दल बेमचा के साहू-परिवार में घटित इस वीभत्स घटना की जाँच कर रहा है, पर साथ ही ज़िला प्रशासन और प्रदेश सरकार जाँच के निष्कर्षों को ध्यान में रखकर इस मर्मांतक घटना के मद्देनज़र संवेदनशील पहल करे ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति क़तई न हो। डॉ. सिंह ने कहा कि ऐसी घटनाओं के कारणों पर नज़र रखकर इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को शासन-प्रशासन के साथ-साथ सामाजिक स्तर पर भी रोका जाना आवश्यक है। प्रदेश सरकार को अब पूर्ण शराबबंदी के अपने वादे पर पूरी संज़ीदगी व संवेदना के साथ अमल करना चाहिए, अन्यथा शराबखोरी के चलते आत्मघात की बढ़ती प्रवृत्ति और दीग़र अपराधों में इज़ाफ़े के चलते प्रदेश में परिवारों की तबाही के साथ-साथ गंभीर सामाजिक संकट उत्पन्न हो जाएगा।

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