मानव सभ्यता से भी पुराने पेड़, आसमान छूतीं 'जड़ें' और तनों में बसती है अनोखी दुनिया

मानव सभ्यता से भी पुराने पेड़, आसमान छूतीं 'जड़ें' और तनों में बसती है अनोखी दुनिया
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दूर तक जाती एक सड़क जिसके दोनों ओर खड़े हैं आसमान छूते बाओबाब के पेड़। इन पेड़ों की विशालता ही इनकी खासियत नहीं है। इन्हें कहते हैं Tree of Life यानी जीवन का पेड़ जिन्हें देखने के लिए मैडगास्कर का Avenues of the Baobab स्वर्ग से कम नहीं है। दिखने में ये ऐसे होते हैं जैसे इनकी जड़ें ऊपर की ओर हों। ये पेड़ मानव सभ्यता से भी पुराने होते हैं और तब से चले आ रहे हैं जब महाद्वीप एक-दूसरे से अलग भी नहीं हुए थे। इनसे जुड़ी कहानियां भी सदियों से चली आ रही हैं जिनमें सच्चाई और कल्पना का अंतर अब गायब हो चला है। आज जानते हैं कहानी अफ्रीकी देशों में पाए जाने वाले पेड़ बाओबाब की-

Baobab of Madagascar: मानव सभ्यता से भी पुराने पेड़, आसमान छूतीं 'जड़ें' और तनों में बसती है अनोखी दुनिया

दूर तक जाती एक सड़क जिसके दोनों ओर खड़े हैं आसमान छूते बाओबाब के पेड़। इन पेड़ों की विशालता ही इनकी खासियत नहीं है। इन्हें कहते हैं Tree of Life यानी जीवन का पेड़ जिन्हें देखने के लिए मैडगास्कर का Avenues of the Baobab स्वर्ग से कम नहीं है। दिखने में ये ऐसे होते हैं जैसे इनकी जड़ें ऊपर की ओर हों। ये पेड़ मानव सभ्यता से भी पुराने होते हैं और तब से चले आ रहे हैं जब महाद्वीप एक-दूसरे से अलग भी नहीं हुए थे। इनसे जुड़ी कहानियां भी सदियों से चली आ रही हैं जिनमें सच्चाई और कल्पना का अंतर अब गायब हो चला है। आज जानते हैं कहानी अफ्रीकी देशों में पाए जाने वाले पेड़ बाओबाब की-

हजारों साल पुराने पेड़
हजारों साल पुराने पेड़

ये विशालकाय पेड़ ऑफिस में रखे छोटे कैक्टस की तरह ही Succulent बाओबाब अफ्रीका के 30 से ज्यादा देशों में पाए जाते हैं। तंजानिया में इन्हें बाओबाओ कहते हैं। मैडगास्कर में भारत के राजदूत अभय के ने बताया है कि Adansonia समूह के इन पेड़ों की 9 प्रताजियां होती हैं जिनमें से 6 मैडगास्कर के ही हैं। इनके बड़े से तने के ऊपर बेहद घनी शाखाएं ऐसी होती हैं जो जड़ों सी नजर आती हैं। इसलिए इन्हें Upside Down पेड़ भी कहते हैं। 30 मीटर ऊंचे और 50 मीटर चौड़े इन पेड़ों में से सबसे पुराना पेड़ 6000 साल का रहा है।

सोख लेते हैं 4500 लीटर पानी
सोख लेते हैं 4500 लीटर पानी

ये पेड़ कितने विशालकाय हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगता है कि इनमें 1189 गैलन पानी स्टोर हो सकता है। यहां तक कि बारिश नहीं होने की स्थिति में लोग इनका इस्तेमाल पानी के लिए करते थे। इनके पेड़ों पर लगने वाले फलों को ‘मंकी ब्रेड’ भी कहा जाता है जिनमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है। ये पेड़ गर्म और सूखे क्लाइमेट में रहते हैं और बारिश के मौसम में तने में पानी सोखते हैं। गर्मियां आने पर इसी पानी के इस्तेमाल से फल उगाते हैं जो पोषक तत्वों और ऐंटी-ऑक्सिडेंट से भरे हुए होते हैं। इनका इस्तेमाल छाया, खाने और पानी के लिए किया जाता है। इसकी छाल से कपड़े, रस्से बनते हैं।

जीवन को देते सहारा, खुद संकट में
जीवन को देते सहारा, खुद संकट में

इनके बीज से कॉस्मेटिक और औषधीय सप्लिमेंट बनाए जाते हैं जो तीन साल तक चल सकते हैं। इनकी पत्तियां लौह से भरपूर होती हैं। इनके तने इतने विशाल होते हैं कि खोखले होने के बाद उनका इस्तेमाल जेल से लेकर पोस्ट ऑफिस तक के रूप में होता है। कुछ अफ्रीकी देशों में इसकी स्थिति चिंताजनक है और यह पेड़ मर रहा है जिसे लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं। पिछले 10 साल में 1100 से 2500 साल की उम्र के करीब 13 में से 9 पेड़ मर गए थे। वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़ते तापमान के कारण या तो पेड़ मरते हैं या आग, हवा, सूखे और बीमारी की वजह से भी मर रहे हैं।

कहानियों का घर
कहानियों का घर

Baobab नाम अरबी शब्द बहीबब से आता है जिसका मतलब होता है बहुत सारे बीज। बहुत सी कहानियां हैं जिनमें से एक यह है कि जब प्रलय से पहले भगवान ने हर जानवर को एक पेड़ दिया था जिससे उसकी प्रजाति को खत्म होने से बचाया जा सके। जिस जानवर को बाओबाओ दिया गया, उसे यह पसंद नहीं था तो उसने पेड़ को फेंक दिया और यह ऊपर का नीचे जाकर गिरा। इसलिए बाद में ये हवाई जड़ों के साथ ही बढ़ने लगे।

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