US Presidential Elections: जीत की ओर जो बाइडेन, क्या कमला हैरिस रचेंगी इतिहास
अगर बाइडेन जीतते हैं तो कमला पहली अफ्रीकी-अमेरिकी और एशियाई-अमेरिकी उपराष्ट्रपति होंगी। हैरिस को भी वोटरों का काफी समर्थन मिला हुआ है और एक एग्जिट पोल में आधे से ज्यादा वोटरों ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के काबिल माना है। आपको बता दें कि हैरिस अमेरिका की राजनीति में एक जाना-पहचाना नाम रही हैं और भारत के साथ उनका गहरा कनेक्शन है। 1964 में कैलिफोर्निया में जन्मीं हैरिस की मां भारतीय मूल की डॉक्टर थीं और उनके पिता जमैका के इकॉनमिस्ट।
मां का रहा है असर
1960 के दशक में हैरिस ने अपना काफी वक्त अपने नाना पीवी गोपालन के घर में लूसाका, जांबिया में बिताया था। कमला की मां श्यामला गोपालन हमेशा से यह चाहती थीं कि उनके बच्चे अपनी भारतीय जड़ों से जुड़े रहें। तमिल मूल की भारतीय-अमेरिकन श्यामला एक जानी-मानी कैंसर रिसर्चर और ऐक्टिविस्ट थीं। उनका कमला पर काफी प्रभाव था और इमिग्रेशन और समान अधिकार जैसे मुद्दों पर कमला की राय नींव काफी हद तक श्यामला की वजह से रखी थी। श्यामला ने अपना ग्रैजुएशन भी दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया था।
अब तक का सफर
हार्वर्ड में पढ़ाई के दौरान उन्होंने कैलिफोर्निया के तत्कालीन सीनेटर ऐलन क्रैंस्टन के लिए मेलरूम क्लर्क के तौर पर काम किया जो उस वक्त खुद राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ने की कोशिश में थे। फिर वह कैलिफोर्निया लौटीं जहां उन्होंने 1990 में वकालत की पढ़ाई पूरी की और डेप्युटी डिस्ट्रिक्ट अटर्नी के तौर पर काम शुरू किया। 2003 से 2011 तक वह सन फ्रैंसिस्को की डिस्ट्रिक्ट अटर्नी रहीं। 2016 में उन्होंने रिपब्लिकन सीनेटर लोरेटा सानशेज को हराकर अमेरिकी सीनेट में जूनियर रिप्रजेंटेटिव का पद अपने नाम किया था।
रच चुकी हैं इतिहास
हैरिस दूसरी अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई-अमेरिकी महिला थीं जो अमेरिकी कांग्रेस के अपर चेंबर तक पहुंची थीं। सीनेटर के तौर पर वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ मुखर रही हैं। हालांकि, विदेश नीति पर उन्होंने ट्रंप का समर्थन भी किया है। चुनावी कैंपेन में ट्रंप और रिपब्लिकन खेमे ने हैरिस पर खूब हमला किया है। हाल ही में उन्होंने दावा कर दिया था कि हैरिस खुद राष्ट्रपति बनना चाहती हैं। ट्रंप ने दावा किया कि अगर 77 वर्षीय बाइडेन मंगलवार को होने वाला चुनाव जीतते हैं , तो उनके साथ उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैरिस कुछ महीनों में ही राष्ट्रपति का पद हासिल कर लेंगी।