तुर्की में अमेरिकी दूतावास पर आतंकी हमले का खतरा, हाईअलर्ट पर पूरा इलाका

तुर्की में अमेरिकी दूतावास पर आतंकी हमले का खतरा, हाईअलर्ट पर पूरा इलाका
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अंकारा
में स्थित ने शुक्रवार को आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया है। दूतावास ने कहा है कि उसे अमेरिकियो एवं अन्य विदेशियों पर संभावित हमले की खबर मिली है। इस कारण दूतावास की सभी सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई हैं। पूरे इलाके में लोगों की गतिविधियों को प्रतिबंधित कर सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। तुर्की की फोर्स ने भी दूतावास जाने वाले रास्ते पर सुरक्षा कड़ी कर दी है।

अमेरिकी नागरिकों को निशाना बना सकते हैं आतंकी
अमेरिकी दूतावास ने अपने बयान में कहा है कि तुर्की में अमेरिकी मिशन को इस्तांबुल और अन्य संभावित स्थानों पर अमेरिकी महावाणिज्य दूत समेत अमेरिकी नागरिकों पर संभावित आतंकवादी हमले या उन्हें अगवा किये जाने की संभावना के बारे में भरोसेमंद खबर मिली है। तुर्की की राजधानी अंकारा में दूतावास ने अमेरिकी नागरिकों से बड़े कार्यालय भवनों, शॉपिंग मॉल तथा उनकी आवाजाही के अन्य स्थानों पर सावधानी बरतने की अपील की है।

अमेरिकी दूतावास की सभी सेवाएं बंद
खतरे को देखते हुए तुर्की में सभी अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों में नागरिक एवं वीजा सेवाएं अस्थायी रूप से बंद रहेंगी। इस्लामिक स्टेट ग्रुप और एक प्रतिबंधित कुर्दिश संगठन ने 2015 और 2017 के बीच तुर्की जमीन पर घातक हमले किये थे। अंकारा में एक अति चरमपंथी संगठन ने अमेरिका दूतावास को भी निशाना बनाया था।

कई आतंकी हमलों को झेल चुका है तुर्की
तुर्की के इस्तांबुल में 2016 के कार बम हमले में 48 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 2017 में इसी शहर के एक नाइटक्लब पर एक हमलावर ने अंधाधुंध फायरिंग कर 39 लोगों को मार डाला था। तुर्की को आईएसआईएस लड़ाकों के अलावा कुर्दिश संगठनों से भी हमले का खतरा है। रणनीतिक रूप से भी तुर्की के पास स्थित सीरिया में बड़ी संख्या में आतंकी छिपे हुए हैं।

कैसे होती है किसी दूतावास की सुरक्षा
किसी भी देश के दूतावास को वियना संधि के तहत संरक्षण प्राप्त होता है। इसके तहत संबंधित देश की पुलिस किसी भी परिस्थिति में किसी विदेशी देश के दूतावास में नहीं घुस सकती है। इस कारण दूतावास के अंदर की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संबंधित देश की ही होती है। जैसे अमेरिका अपने दूतावास की सुरक्षा के लिए मरीन कमांडो को तैनात करता है। वहीं, भारत भी अपने अर्धसैनिक बलों को विभिन्न दूतावासों की सुरक्षा में तैनात किए हुए है।

दूतावास के बाहर की सुरक्षा व्यवस्था संबंधित देश की
दूतावास के बाहर की सुरक्षा व्यवस्था संबंधित देश की होती है। वह दूतावास के आसपास शांति और किसी भी घटना के लिए जिम्मेदार होता है। हालांकि, अधिकतर देशों में दूतावास वाले क्षेत्र पहले से ही हाई सिक्योरिटी जोन में स्थित होते हैं।

क्या है वियना संधि
साल 1961 में आजाद देशों के बीच राजनयिक संबंधों को लेकर वियना संधि हुई थी। इस संधि के तहत राजनयिकों को विशेष अधिकार दिए गए हैं। इस संधि के दो साल बाद 1963 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने इंटरनेशनल लॉ कमीशन द्वारा तैयार एक और संधि का प्रावधान किया, जिसे वियना कन्वेंशन ऑन कॉन्सुलर रिलेशंस कहा गया। इस संधि को 1964 में लागू किया गया था।

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