अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज की वापसी से क्यों घबराया चीन? ट्रंप से की यह अपील

अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज की वापसी से क्यों घबराया चीन? ट्रंप से की यह अपील
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इस्लामाबाद
से अमेरिकी फौज की वापसी से घबराया हुआ है। चीनी विदेश मंत्रालय ने ट्रंप प्रशासन के अपील करते हुए कहा है कि अमेरिका को अफगानिस्तान से अपनी फौज को क्रमबद्ध तरीके से हटाना चाहिए। हाल के वर्षों में चीन ने भी अफगानिस्तान के साथ अपना संबंध बढ़ाया है। इतनी ही नहीं, वह अपने दोस्त पाकिस्तान की सहायता से से भी दोस्ती कर रहा है।

क्या कहा चीनी विदेश मंत्रालय ने?
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि अफगानिस्तान मुद्दा जटिल है और इसका हल करने में मुश्किल होगी। इस दिशा में आतंरिक और बाहरी कारकों को अवश्य ही समन्वित करना होगा, अन्यथा यह नुकसानदेह साबित होगा। उन्होंने कहा कि अफगान मुद्दे में अमेरिका सबसे बड़ा बाहरी कारक है। उसे क्रमिक रूप से और जिम्मेदार तरीके से अपने सैनिक वापस बुलाने चाहिए, ताकि अफगानिस्तान में हिंसा नहीं बढ़े और अफगान बातचीत के लिये अनुकूल बाहरी माहौल बने, इसके सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

इसलिए घबराया हुआ है चीन
अफगानिस्तान के साथ चीन की सीमा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अलावा संकरे वखान गलियारे के जरिये लगी हुई है। वहीं, शिंजियांग में स्थिति को लेकर अपनी चिंताओं के कारण भी चीन अफगानिस्तान में उभरते हालात पर करीब नजर रखे हुए हैं। शिंजियांग में चीन अलगाववादी ईस्ट तुर्कीस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ईटीआईएम) से जूझ रहा है। चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी सुलह कराने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, अफगान सरकार ने आरोप लगाया था कि पाक त्रिपक्षीय वार्ता के जरिये तालिबान का समर्थन कर रहा है।

अफगानिस्तान में इतने अमेरिकी सैनिक मौजूद
29 फरवरी को तालिबान के साथ हुए एक समझौते के बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपने सैनिकों की संख्या घटा दी है और अब वहां उसके महज 8,600 सैनिक तैनात हैं। उसने पांच सैन्य ठिकाने अपने अफगान साझेदारों को सौंप दिए हैं। अमेरिकी चुनाव में अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी भी एक बड़ा मुद्दा है।

ट्रंप ने किया था सैनिकों की वापसी का ऐलान
कुछ दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया था कि वे अफगानिस्तान से अपनी फौज को वापस बुला लेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि भविष्य में अमेरिकी सेना किसी दूसरे देश के साथ युद्ध में हिस्सा नहीं लेगी। ट्रंप ने फाक्स न्यूज के साथ बातचीत में कहा था कि अफगानिस्तान में 19 साल पर्याप्त हैं। हम चाहते हैं कि अफगानिस्तान में अब भी मौजूद गिने चुने साहसी महिलाएं एवं पुरूष सैनिक क्रिसमस तक घर लौट आएं। अमेरिकी सेना वहां पुलिसकर्मियों के रूप में काम कर ही है। वे सेना की तरह काम नहीं कर रहे हैं।

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