पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन, कराची में उमड़ा जनसैलाब

पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन, कराची में उमड़ा जनसैलाब
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इस्लामाबाद
में इमरान सरकार के खिलाफ संयुक्त विपक्ष ने आज में दूसरी रैली की। इस रैली में उमड़े जनसैलाब ने और पाकिस्तानी सेना की नींद उड़ा दी है। लाखों की संख्या में पहुंचे लोगों को संबोधित करते हुए विपक्षी नेताओं ने पाकिस्तानी सरकार पर जमकर निशाना साधा। 11 पार्टियों वाले इस संयुक्त विपक्ष ने पहली रैली गुजरांवाला में आयोजित की थी। इस संयुक्त विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व मौलाना फजलुर रहमान कर रहे हैं।

क्वेटा में होगी विपक्ष की तीसरी रैली
कराची को की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) का गढ़ माना जाता है। आज की रैली में पहुंचे लोगों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी भी की। पाकिस्तान में विपक्षी पार्टियों की तीसरी रैली 25 अक्टूबर को क्वेटा में आयोजित होगी। जबकि चौथी रैली 22 नवंबर को पेशावर में और पांचवी रैली 30 नवंबर को मुल्तान में होगी। इस गठबंधन की अंतिम रैली 13 दिसंबर को लाहौर में आयोजित की जाएगी।

पहली रैली में नवाज ने बोला था हमला
गुजरांवाला में 11 विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की पहली रैली में नवाज शरीफ ने इमरान खान और सेना पर जमकर निशाना साधा था। नवाज शरीफ ने कहा था कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मेरी सरकार को खत्म कर दिया। उन्होंने 2018 के चुनावों में धांधली की और नाकाबिल इमरान खान को देश पर थोप दिया। जनरल बाजवा प्रत्यक्ष अपराधी हैं और उन्हें इसके लिए जवाब देना होगा। उन्होंने उनकी सरकार गिराने के पीछे इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) का हाथ होने का भी आरोप लगाया और कहा कि पूरा प्रकरण आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद की मदद से हुआ।

जनरल जिया के जूते साफ कर सत्ता में आए नवाज: इमरान
शरीफ को जवाब देते हुए खान ने कहा कि पीएमएल-एन अध्यक्ष जनरल जिया के जूते साफ कर के सत्ता में आए थे। गौरतलब है कि शरीफ 1980 के दशक में राजनीति में आए थे जब जनरल जिया उल हक ने देश में मार्शल लॉ लगाया था। खान ने कहा कि शरीफ ने सेना के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का प्रयोग उस समय किया है जब वह देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर रहे हैं। खान ने कहा कि वह अपनी जान क्यों कुर्बान कर रहे हैं? हमारे लिए, देश के लिए। और यह गीदड़ जो अपनी दुम दबाकर भाग गया था उसने सेना प्रमुख और आईएसआई प्रमुख के लिए ऐसी भाषा का प्रयोग किया है।

सेना ने छोड़ा इमरान खान का साथ
पाकिस्तानी सेना ने भी अपने ऊपर बढ़ते दबावों को देखते हुए इमरान खान की मदद करने से इनकार कर दिया है। इसी कारण पाकिस्तान आर्मी चीफ के निर्देश पर हाल में ही चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के चेयरमैन और पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा ने भ्रष्टाचार के आरोपों पर अपना इस्तीफा दे दिया था। अब जल्द ही पाकिस्तानी सेना अपने अधिकतर जनरलों को सरकार की सेवा से हटाने जा रही है।

पाकिस्तान में कट्टर धार्मिक पार्टियों की ताकत बढ़ी
पाकिस्तान में इस्लामी पार्टियों का अस्तित्व हमेशा ही दोयम दर्जे का रहा है। ये पार्टियां किसी न किसी बड़ी पार्टी के पीछे लगकर उसके लिए धार्मिक वोटों को बटोरने का काम करती हैं। लेकिन पिछले साल इस्लामाबाद को घेरने के लिए मौलाना डीजल ने जो मोर्चेबंदी की थी, इससे उनकी लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई है। वहीं, इस समय पाकिस्तान की मुख्यधारा की विपक्षी पार्टियां पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) नेतृत्व विहीन हैं।

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