चीन के खिलाफ ताइवान को हथियारों से लैस कर रहा अमेरिका, नई आर्म्स डील को दी मंजूरी

चीन के खिलाफ ताइवान को हथियारों से लैस कर रहा अमेरिका, नई आर्म्स डील को दी मंजूरी
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वॉशिंगटन
अमेरिकी प्रशासन ने ताइवान आर्म्स डील को मंजूरी दे दी है। लगभग 513 अरब रुपयों की इस डिफेंस डील को यूएस कांग्रेस की भी हरी झंडी मिल गई है। इसके जरिए अमेरिका कई तरह की एडवांस मिसाइलें और सेंसर्स ताइवान को देगा। बताया जा रहा है कि यह अमेरिका और ताइवान के बीच हुई दूसरी सबसे बड़ी हथियारों की डील है। इससे पहले चीन से बढ़ते खतरे को देखते हुए 2019 में ताइवान ने अमेरिका से 587 अरब रुपयों की डील की थी।

आर्म्स डील को लेकर नोटिफिकेशन जारी
इस डील को को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग ने एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। जिसके अंतर्गत ताइवान को एफ- 16 फाइटर जेट के लिए एडवांस सेंसर, समुद्र में दुश्मन के युद्धपोतों को बर्बाद करने के लिए सुपरसोनिक लो एल्टिट्यूड मिसाइल और हैमर्स रॉकेट दिए जाएंगे। पिछले साल ही अमेरिका ने ताइवान को 66 एफ-16 लड़ाकू विमान देने की डील की थी।

चीन से तनाव और बढ़ने की आशंका
साल 2020 में डोनाल्‍ड ट्रंप प्रशासन ताइवान को लेकर बेहद आक्रामक रुख अख्तियार कर रहा है और इन हथियारों की बिक्री से चीन के साथ उसके संबंध बेहद न‍िचले स्‍तर तक पहुंच जाएंगे। वह भी तब जब दोनों ही देश एक-दूसरे पर जासूसी करने, ट्रेड वॉर और कोरोना वायरस को लेकर कई आरोप लगा चुके हैं। ताइवान में इस साल जनवरी में राष्‍ट्रपति त्‍साई इंगवेन के दोबारा सत्‍ता में आने के बाद ताइपे ने हथियारों की खरीद को बढ़ा द‍िया है।

अमेरिका ताइवान को अभेद्य ‘किला’ बनाने में जुटा
राष्‍ट्रपति वेन ने ताइवान की सुरक्षा को और ज्‍यादा मजबूत करने को शीर्ष प्राथमिकता द‍िया है। ताइवान चीन का सबसे संवेदनशील क्षेत्रीय मुद्दा है। चीन का कहना है कि यह चीनी प्रांत है और वह ट्रंप प्रशासन के ताइपे के सहयोग करने की निंदा करता है। उधर, दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी को देखते हुए अमेरिका ताइवान के एक किला बनाने में जुट गया है ताकि ड्रैगन को चुनौती दी जा सके।

अमेरिकी चुनाव से पहले हथियार खरीदना चाहता है ताइवान
ताइवान को डर सता रहा है कि अगर ट्रंप हार गए तो बाइडन इतने घातक हथियार शायद ही ताइपे को दें। इसीलिए ताइवान जल्‍द से जल्‍द इन हथियारों की आपूर्ति चाहता है। चीन लगातार ताइवान स्‍ट्रेट के पास युद्धाभ्‍यास कर रहा है जिससे ताइवान का डर और बढ़ता जा रहा है। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ताइवान रक्षा पर काफी खर्च कर रहा है लेकिन उसे आत्‍मनिर्भर बनने की जरूरत है।

ताइवान के पास क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे ज्यादा मिसाइल
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान के पास इतनी ज्यादा मिसाइलें मौजूद हैं जो क्षेत्रफल के हिसाब से दुनियाभर में सबसे ज्यादा है। हालांकि ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इन मिसाइलों की कुल संख्या को आजतक जारी नहीं किया है। ताइपे की चाइना टाइम्स अखबार के अनुसार, ताइवान के पास कुल 6000 से अधिक मिसाइलें हैं। बता दें कि मिसाइलों की कीमत लाखों और करोड़ों में होती है, इसलिए अधिकतर देशों की सेनाएं पारंपरिक बमों का ज्यादा इस्तेमाल करती हैं।

अमेरिकी और ताइवानी मिसाइलों का जखीरा
अमेरिका निर्मित मिसाइलों के अलावा ताइवान की स्वदेशी मिसाइलें भी शामिल हैं। जिसमें हवा से हवा, हवा से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं। ताइवान के पास मिसाइल ही ऐसा हथियार है जिससे चीनी सेना खौफ खाती है और आजतक हमले के प्लान को अंजाम नहीं दे सकी है। क्योंकि, चीन के राष्ट्रपति से लेकर चीनी सेना के जनरल तक लगातार ताइवान पर हमले की धमकी देते रहे हैं।

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