वीडियो: अजरबैजान के लिए लड़ रहे सीरिया के आतंकवादी, आर्मीनिया ने जारी किए सबूत
कुछ दिन पहले ही रूस ने आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच जंग रोकने के लिए मध्यस्थता की थी। इसके बाद संघर्षविराम पर सहमति भी कायम की गई। हालांकि, एक दिन बाद ही अजरबैजान ने आर्मीनिया पर आरोप लगाया है कि उसके गांवों पर मिसाइलें दागी गई हैं। वहीं दूसरी ओर आर्मीनिया ने वीडियो जारी कर दावा किया है कि उस पर हमले के लिए सीरिया से आतंकवादी बुलाए गए हैं।
अजरबैजान सैनिकों की यूनिफॉर्म में आतंकी
कुछ दिन पहले ही ऐसी खबरें आई थीं कि इस जंग में हजारों आतंकी गृहयुद्ध से प्रभावित सीरिया और लीबिया से नागोर्नो-काराबाख भेजे जा रहे हैं।
आर्मीनिया सरकार के आर्मीनियाई यूनाइफाइड इन्फोसेंटर ने वीडियो जारी किया है। इसमें बताया गया है कि अजरबैजान के बॉर्डर गार्ड्स की यूनिफॉर्म में आतंकवादी भेजे जा रहे हैं। ये अजरबैजान की गाड़ियों और पिक-अप ट्रक से आ रहे हैं। दावा किया गया है कि ये पिक-अप ट्रक अजरबैजान की सरकार ने नागरिकों से लिए थे।
पाकिस्तान-तुर्की से आ रहे आतंकी
इससे पहले रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पाकिस्तान और तुर्की ने ‘किलिंग मशीन’ कहे जाने वाले इन आतंकवादियों को युद्ध के लिए काफी पैसे दिए हैं। ये आतंकवादी 22 सितंबर और उसके बाद तुर्की के रास्ते अजरबैजान की राजधानी बाकू पहुंचे थे। भारी हथियारों से लैस इन आतंकवादियों की तादाद करीब 1 हजार बताई जा रही है। ये सभी अल हमजा ब्रिगेड के बताए जा रहे हैं। ज्यादातर आतंकवादी सीरिया से आए हैं। हालांकि कुछ लोगों को लीबिया से भी भेजा गया है।
संघर्षविराम को तैयार हुए थे दोनों देश
वहीं, रूसी विदेश सर्गेई लावरोव ने जानकारी दी थी कि युद्धबंदियों और अन्य पकड़े गए व्यक्तियों की अदला-बदली के मानवीय उद्देश्य के साथ-साथ सैनिकों के शवों की अदला-बदली पर सहमति के साथ युद्धविराम घोषित किया गया है। युद्धविराम की घोषणा लावरोव, अजरबैजान और आर्मेनियाई विदेश मंत्रियों जेहुन बेरामोव और जोहराब मेनात्सकनयान के बीच त्रिपक्षीय वार्ता के बाद हुई, जिसमें नागोर्नो-काराबाख में क्षेत्र में लड़ाई खत्म कराने संबंधी समाधान को लेकर 10 घंटे से अधिक समय तक बातचीत हुई।