पैंगॉन्ग: -25°C के पारे से लड़ने की चीन की तैयारी, गर्म यूनिट्स में नहा भी सकेंगे सैनिक

पैंगॉन्ग: -25°C के पारे से लड़ने की चीन की तैयारी, गर्म यूनिट्स में नहा भी सकेंगे सैनिक
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

पेइचिंग
भारत से पैंगॉन्ग झील इलाके में तनाव के बीच चीन के सामने एक बड़ी चुनौती है हिमालय की कंपा देने वाली सर्दी। पैंगॉन्ग झील के पास तापमान -10 डिग्री तक पहुंचना शुरू हो चुका है। ऐसे में चीन ने इसके पास अपनी सीमा पर ऐसे बैरक तैयार किए हैं जहां उसकी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों को गर्म रखा जा सके। कुछ दिन पहले ही चीनी मीडिया में इन बैरकों के बारे में रिपोर्ट्स सामने आई थीं।

सैटलाइट तस्वीरों में दिखी तैयारी
चीन के न्यूज नेटवर्क से मिलीं रिपोर्ट्स के बाद GEOINT और Sim Tack की सैटलाइट तस्वीरों से चीन की तैयारियों का पता चला है। ओपन इंटेलिजेंस सोर्स detresfa ने ये तस्वीरें शेयर की हैं जिनमें दिख रहा है कि पैंगॉन्ग झील और स्पांगुर झील में झड़प की जगहों से करीब 100 किमी दूर नए बैरक हैं जो पिछले साल 2019 से निर्माणाधीन हैं। इनके अलावा सैटलाइट तस्वीरों में सोलर पैनल भी देखे जा सकते हैं।

सौर ऊर्जा का इस्तेमाल
, कई सुविधाएं
पैंगॉन्ग सो में तापमान माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। PLA ने अब अपने सैनिकों के बैरकों को गर्म रखने के लिए थर्मल इंसुलेशन लगाना शुरू कर दिया है। सोलर पावर (सौर ऊर्जा) से चलने वाली इन यूनिट्स को आर्मी इंजिनियरिंग यूनिवर्सिटी ने बनाया है। ये अंदर का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक पर मेंटेन कर सकती हैं। रिहायश के साथ नहाने और खाना बनाने के लिए भी गर्म तापमान की फसिलटी तैयार की गई हैं।

कुछ दिन पहले किया था उद्घाटन
इससे पहले ऐसी रिपोर्ट्स थीं कि चीनी रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने पैंगॉन्ग झील के किनारे बैरक का उद्घाटन किया था जिसमें हजारों की संख्या में चीनी सेना के जवान, हथियार और गोला-बारूद रखे जा सकते हैं। चीन की सरकारी मीडिया CGTN के न्यूज प्रोड्यूसर शेन शिवई ने एक वीडियो ट्वीट कर इस बैरक की झलक दिखाई थी।

भारत के पास सियाचीन का अनुभव
उन्होंने दावा किया था कि यह अत्याधुनिक बैरक लद्दाख की भीषण ठंड से चीनी सैनिकों को बचाएगी। उन्होंने कहा कि इस बैरक में अत्याधुनिक हीटिंग सिस्टम, ऑक्सिजन सपॉर्ट और रहने के संसाधन दिए गए हैं। लद्दाख की भीषण ठंड को झेलने के लिए भारतीय सेना भी कई तरह के उपकरणों का इस्तेमाल करेगी। इनमें से अधिकतर सामानों का प्रयोग सियाचीन जैसे दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में पहले से भारतीय फौज करती आई है। ऐसे में भारतीय फौज के सामने चीनी फौज कितने दिनों तक टिकेगी, यह देखने वाली बात होगी।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.