विक्टोरिया वुडहुल: अमेरिकी राष्ट्रपति पद की पहली महिला उम्मीदवार, राष्ट्रपति ग्रांट को दी थी कड़ी टक्कर

विक्टोरिया वुडहुल: अमेरिकी राष्ट्रपति पद की पहली महिला उम्मीदवार, राष्ट्रपति ग्रांट को दी थी कड़ी टक्कर
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वॉशिंगटन
अमेरिका में इन दिनों राष्ट्रपति चुनाव को लेकर माहौल गरमाया हुआ है। रिपब्लिकन पार्टी से वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उम्मीदवार हैं, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी से उनके सामने पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन खड़े हैं। इस बार अमेरिकी चुनाव में केवल डेमोक्रेटिक पार्टी ने उपराष्ट्रपति पद के लिए महिला उम्मीदवार के रूप में कमला हैरिस को मैदान में उतारा है। वे वर्तमान उप राष्ट्रपति माइक पेंस को कड़ी टक्कर देती नजर आ रही हैं।

हिलेरी ने ट्रंप को दी थी कड़ी टक्कर
2016 में हुए चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने कड़ी चुनौती दी थी। लेकिन, वह चुनाव जीत न सकीं और इसी के साथ अमेरिका फिर से एक बार पहली महिला राष्ट्रपति को पाने से चूक गया। 1920 तक तो अमेरिका में अधिकतर महिलाओं को मतदान करने का भी अधिकार नहीं था। इसके बाद अमेरिकी संविधान में 19वां संशोधन कर महिलाओं को वोटिंग का अधिकार दिया गया। क्या आप जानते हैं कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए पहली महिला उम्मीदवार कौन थीं? आईए हम आपको बताते हैं।

विक्टोरिया वुडहुल- अमेरिकी राष्ट्रपति पद की पहली महिला उम्मीदवार
1872 में ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए पहली महिला उम्मीदवार बनने का रिकॉर्ड कायम किया। उन्होंने इक्वल राइड पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर 18वें राष्ट्रपति उल्सिस एस ग्रांट के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि, वह बड़े अंतर से चुनाव हार गईं क्योंकि तब अमेरिकी समाज में सभी महिलाओं को न तो मतदान करने का अधिकार था और न ही उन्हें पुरुषों के बराबरी का समझा जाता था।

अमेरिका में सुधारवादी आंदोलन को किया तेज
उनके ही प्रयासों से अमेरिका में एक दिन में आठ घंटे काम करने का नियम बना। उन्होंने महिलाओं के मताधिकार और मृत्युदंड की समाप्ति को अपना चुनावी मुद्दा बनाया था। उन्होंने समान मतदान अधिकारों के बारे में कांग्रेस के समक्ष मजबूती से अपनी मांग रखी थी। इसके अलावा वह पहली ऐसी महिला भी थीं जिन्होंने प्रसिद्ध वॉल स्ट्रीट पर महिला स्वामित्व वाली ब्रोकरेज फर्म खोली थी।

योग्यता न होने के बावजूद लड़ा था चुनाव
विक्टोरिया वुडहुल चुनाव जीतने के बाद भी वाइट हाउस में न तो रह सकती थीं और न ही उन्हें अमेरिका का राष्ट्रपति बनाया जा सकता था। ऐसा उनके महिला होने के कारण नहीं बल्कि संविधान में राष्ट्रपति बनने की योग्यता न होने के कारण था। अमेरिकी संविधान में 35 साल से कम उम्र का कोई भी नागरिक राष्ट्रपति नहीं बन सकता है। हालांकि, जब वुडहुल ने चुनाव लड़ा था तब वह 34 साल की थीं।

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