दुनिया में हर 10 में से एक व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित, WHO के खुलासे से बढ़ी चिंता
ने खुलासा किया है कि दुनियाभर में हर 10 में से एक व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है। कोरोना वायरस को लेकर सोमवार को हुई डब्लूएचओ के 34 सदस्यीय कार्यकारी बोर्ड की बैठक में डॉ माइकल रेयान ने कहा कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में संख्या में परिवर्तन हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह नहीं है कि दुनिया की बड़ी आबादी खतरे में है।
विशेषज्ञ भी जता चुके हैं चिंता
विशेषज्ञ भी पहले से कहते आ रहे हैं कि कोरोना वायरस के जितने मामलों को बताया जा रहा है वास्तव में उससे अधिक लोग इसके संक्रमण का शिकार हैं। इसका कारण बताया गया है कि कोरोना प्रभावित कई देशों में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव है। इस कारण न तो समय पर कोरोना वायरस का टेस्ट किया जा रहा है और न ही बीमार लोगों का इलाज हो पा रहा है।
दुनिया में कहीं भी के हालात नहीं
डब्ल्यूएचओ के आपातकालीन मामलों के प्रमुख पहले ही कह चुके हैं कि दुनिया में कहीं भी हर्ड इम्यूनिटी के हालात नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि हमें हर्ड इम्यूनिटी हासिल करने की उम्मीद में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक आबादी के रूप में, अभी हम उस स्थिति के कहीं आसपास भी नहीं हैं जो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी है।
दुनिया की 50 फीसदी आबादी को वैक्सीन की जरुरत
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. ब्रूस एलवार्ड ने कहा कि किसी कोरोना वायरस वैक्सीन के साथ व्यापक वैक्सीनेशन का उद्देश्य विश्व की 50 प्रतिशत से काफी अधिक आबादी को इसके दायरे में लाने का होगा। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन एक बड़ी योजना पर भी काम कर रहा है। जिससे वैक्सीन की पहुंच विश्व के सभी देशों तक सुनिश्चित की जाएगी।
क्या होती है हर्ड इम्यूनिटी
हर्ड इम्यूनिटी किसी मेडिकल प्रक्रिया का नाम नहीं। अगर कोई संक्रामक बीमारी फैली है तो हर्ड इम्यूनिटी वो अवस्था होती है जब आबादी का एक निश्चित हिस्सा उस बीमारी के प्रति इम्यून हो जाता है। यानी बाकी आबादी में वायरस नहीं फैलता। आमतौर पर हर्ड इम्यूनिटी शब्द वैक्सीनेशन के संदर्भ में यूज किया जाता है। मगर हर्ड इम्यूनिटी तब भी हासिल हो सकती है जबकि पर्याप्त संख्या में लोग इन्फेक्ट होने के बाद इम्यून हुए हों। कोरोना से हर्ड इम्यूनिटी का दरअसल यही मतलब है। इसके मुताबिक, अगर एक निश्चित आबादी इम्यून हो जाए तो वो लोग किसी और को इन्फेक्ट नहीं कर पाएंगे। इससे कम्युनिटी ट्रांसमिशन की चेन टूट जाएगी।