नेपाली: ओली-प्रचंड में फिर उभरे मतभेद, मंत्रिमंडल में सीटों को लेकर खींचतान जारी
नेपाल के सत्तारूढ़ दल में पिछले कुछ दिनों से जारी राजनीतिक शांति फिर भंग होती दिखाई दे रही है। कैबिनेट में सीट बंटवारे को लेकर कई दौर के मैराथन मीटिंग के बाद भी प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के बीच कोई समझौता नहीं हो सका है। रविवार को कयास लगाए जा रहे थे कि दोनों नेता केंद्रीय कैबिनेट में बड़े पैमाने पर फेरबदल करेंगे लेकिन आपसी सहमति न होने के कारण ऐसा हो न सका।
पार्टी का कोई भी नेता बोलने को तैयार नहीं
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा कि जहां तक मुझे पता है दोनों नेता मंत्रिमंडल में फेरबदल पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। श्रेष्ठ ने यह भी कहा कि देरी के कारण के बारे में उन्हें कोई अपडेट नहीं है। पार्टी के अन्य नेताओं ने भी कैबिनेट फेरबदल से ओली के इनकार पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
इसलिए नहीं बन पा रही सहमति
अंदरूनी सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि इस डील में मंत्रिमंडल में पदों के अलावा, राजदूतों और विभिन्न संवैधानिक और अन्य पदों पर नियुक्ति को लेकर दोनों गुटों के बीच सहमति नहीं बन सकी है। बताया जा रहा है कि पीएम ओली और पार्टी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल कई मुद्दों पर एक साथ डील करना चाहते हैं, इसलिए मंत्रिमंडल में इतनी जल्दी फेरबदल करना कोई आसान काम नहीं होगा।
बगावत कर सकता है माधव कुमार नेपाल गुट
ओली के साथ प्रचंड की डील से माधव कुमार नेपाल और उनका गुट खुश नहीं है। दोनों नेताओं के बीच कुछ दिनों पहले हुए समझौते के दौरान भी नेपाल ने अपनी नाखुशी जाहिर की थी। इस समय में नेपाल के दो समर्थक मंत्री हैं। अगर मंत्रिमंडल में फेरबदल होता है तो ओली इन दोनों मंत्रियों की छुट्टी कर सकते हैं। ऐसा होने से नेपाल का बागी तेवर देखने को मिल सकता है।
बामदेव गौतम को लेकर फंसा पेंच
पार्टी उपाध्यक्ष बामदेव गौतम को लेकर पेंच फंसा हुआ है। उन्हें हाल ही में नेशनल असेंबली में मेंबर बनाया गया है। वे दोनों गुटों के करीबी हैं लेकिन फिलहाल उनको भी मंत्री पद मिलने के आसार कम ही दिखाई दे रहे हैं। लेकिन, ओली और प्रचंड उन्हें ज्यादा समय तक बिना मंत्री बनाए नहीं रह पाएंगे। प्रचंड हर हाल में गौतम को मंत्री बनवाना चाहते हैं।
इन नेताओं के मंत्री बनाए जाने की चर्चा
पार्टी नेताओं के अनुसार, जिन नेताओं के ओली कैबिनेट में मंत्री बनाए जाने को लेकर चर्चा चल रही है उनमें बिष्णु पौडेल, भीम रावल, बेदुराम भुसाल, पम्पा भुसाल, सुरेंद्र पांडे, सुबास निंबांग, जनार्दन शर्मा, हरीबोल गजुरेल, देवेंद्र पौडेल, सोम प्रसाद पांडे, प्रभु शाह , बीरोड खतीवाड़ा, गणेश थगना और गोपी अचामी शामिल हैं। इसमें पौडेल पार्टी महासचिव हैं और अन्य नेता पार्टी के स्थायी समिति के सदस्य हैं।
अपने खास को गृहमंत्री बनाना चाहते हैं दहल
पीएम ओली अपने कैबिनेट के कुछ नेताओं का पोर्टफोलियो बदलने के साथ उन्हें फिर से मंत्री बनाना चाहते हैं, लेकिन प्रचंड इसके सख्त खिलाफ हैं। प्रचंड चाहते हैं कि देश के गृहमंत्री का पद जनार्दन शर्मा को दिया जाए। इसके अलावा दहल चाहते हैं कि संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भी उनके किसी खास नेता को सौंपा जाए।