चीन-पाकिस्तान और ईरान के साथ युद्धाभ्यास कर रहा रूस, अलर्ट पर अमेरिका
रूस ने सोमवार से रणनीतिक युद्धाभ्यास को शुरू किया है। इस अभ्यास में रूसी सेना के साथ चीन, पाकिस्तान और ईरान की सेनाएं भी हिस्सा ले रही हैं। इस युद्धाभ्यास में शामिल होने के लिए रूस ने भारत को भी निमंत्रित किया था। लेकिन, कोरोना वायरस महामारी और चीन-पाकिस्तान से दो फ्रंट पर बढ़ते खतरों के कारण भारत ने इसमें शामिल होने से मना कर दिया था। रूस, चीन और ईरान की सेनाओं के एक साथ आने के कारण अमेरिका भी अलर्ट पर है।
जल-थल और नभ में होगा युद्धाभ्यास
कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच यह युद्धाभ्यास रूस के दक्षिणी सैन्य जिले के कई ट्रेनिंग ग्राउंड्स में आयोजित किया जाएगा। रूसी रक्षा मंत्रालय की प्रेस सेवा के अनुसार, सोमवार से शुरू हुए काकेशस-2020 युद्धाभ्यास में सोमवार को सभी देशों के फाइटर जेट अपने हवाई करतब दिखा रहे हैं। इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने वाले अधिकतर देश रूसी हथियारों का ही इस्तेमाल करते हैं। यह युद्धाभ्यास 26 सितंबर को खत्म होगा।
हाई अलर्ट पर रूसी फाइटर प्लेन
इस युद्धाभ्यास में हिस्सा लेने के लिए रूस के एसयू-27 और एसयू-30 लड़ाकू विमान क्रीमिया, क्रास्नोडार, स्टावरोपोल, और रोस्तोव क्षेत्र में ऑपरेटिव एयरफील्ड पर लड़ाकू वायु रक्षा ड्यूटी पर तैनात हैं। यहां से उड़ान भरकर फाइटर जेट इस युद्धाभ्यास में भी शामिल होंगे। इस युद्धाभ्यास में डिफेंसिव तकनीकी, युद्धक्षेत्र के कंट्रोल और कमांड के अलावा हवाई और जमीनी हमले करने का अभ्यास किया जाएगा।
अमेरिका हुआ चौकन्ना
रूस के इस युद्धाभ्यास की कमान चीफ ऑफ रशियन जनरल स्टाफ आर्मी जनरल वलेरी गेरासिमोव के हाथों में है। रूसी रक्षा मंत्रालय के अलावा इस युद्धाभ्यास में 80000 से अधिक सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। वहीं, अमेरिका ने भी बड़े पैमाने पर इस युद्धाभ्यास का निगरानी करने का फैसला किया है। क्योंकि, इसमें अमेरिका के तीन शत्रु देश एक साथ हिस्सा ले रहे हैं।
इन देशों की सेनाएं हो रही हैं शामिल
काकेशस-2020 रणनीतिक युद्धाभ्यास में रूस के अलावा चीन, पाकिस्तान, ईरान, म्यांमार, आर्मेनिया, बेलारूस, अजरबैजान, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और श्रीलंका के शामिल हैं। इनमें से कई देश केवल पर्यवेक्षक के रूप में इस सैन्य अभ्यास में शामिल हो रहे हैं।