चीन के 5 नागरिकों पर अमेरिका में लगा मेगा-हैकिंग का आरोप, भारत समेत कई देश बने थे निशाना

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वॉशिंगटन
अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने पांच चीनी नागरिकों पर भारत समेत कई देशों की करीब 100 कंपनियों को हैक करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि इन कंपनियों के सॉफ्टवेयर डेटा और बिजनस इंटेलिजेंस को चुराया गया है। डेप्युटी US अटर्नी जनरल जेफरी रोजेन ने बुधवार को कहा है कि पांच चीनी नागरिकों के साथ दो मलेशियाई नागरिकों के खिलाफ भी चार्ज लगाया गया है जिन्होंने हैकिंग करने और डेटा बेचने में मदद की।

चीन पर लगाया आरोप
जस्टिस डिपार्टमेंट ने बताया है कि मलेशिया के नागरिकों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि चीनी नागरिक फरार हैं। रोजेन ने चीन की सरकार की आलोचना भी की है। उन्होंने कहा है, ‘जस्टिस डिपार्टमेंट ने चीनी नागरिकों के काम आने वाले ऐसे हर टूल का इस्तेमाल किया है जिससे ये कंप्यूटर में अवैध घुसपैठ और साइबर हमले कर रहे थे। दुख की बात यह है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने अलग रास्ता अपनाया है- चीन को साइबर अपराधियों के लिए सुरक्षित बनाने का। ये चीन से बाहर कंप्यूटरों पर हमला करते हैं और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी चुराकर चीन की मदद करते हैं।’

भारत पर ऐसे हमला
बयान में बताया गया है कि साल 2019 में साजिशकर्ताओं ने भारत सरकार की वेबसाइट्स को निशाना बनाया। इनके अलावा भारत सरकार के लिए काम करने वाले प्राइवेट नेटवर्क और डेटाबेस सर्वर पर भी अटैक किया गया। इसके लिए भारत सरकार के ओपन VPN से कनेक्ट करने के लिए VPS प्रोवाइडर सर्वर का इस्तेमाल किया गया। हैकर्स ने भारतीय कंप्यूटरों पर ‘Cobalt Strike’ मालवेयर इंस्टॉल कर दिया। बयान के मुताबिक अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में 100 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाया गया था।

जानकारी चुराकर स्कैम की कोशिश
सिक्यॉरिटी रिसर्चर्स ने ‘APT41’, ‘Barium’, ‘Winnti’, ‘Wicked Panda’ and ‘Wicked Spider’ जैसे लेबल की पहचान की गई जिन्हें इस काम के लिए इस्तेमाल किया गया था। इनसे सोर्स कोड, सॉफ्टवेयर कोड साइनिंग सर्टिफिकेट, कस्टमर अकाउंट डेटा और बिजनस इन्फर्मेशन को चुराया गया। इनकी मदद से रैन्समवेयर और क्रिप्टो-जैकिंग स्कीम को फायदा पहुंचाने की कोशिश भी की गई।

अमेरिका और भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, चिली, हॉन्ग-कॉन्ग, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, पाकिस्तान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ताइवान, थाइलैंड और वियतनाम को निशाना बनाया गया था।

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