चीन की नजर भारत के गोरखा सैनिकों पर, नेपाल में सर्वे के लिए दिए 12.7 लाख रुपये

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काठमांडू
एक और जहां चीन और नेपाल के भारत के साथ संबंध पिछले कुछ ही महीने में तल्ख हुए हैं, दोनों देशों की आपस में दोस्ती जिस तरह से गहरा रही है, वह अपने आप में संदेह पैदा कर रहा है। ताजा खबरों के मुताबिक चीन नेपाल के गोरखा समुदाय में से जवान भारतीय सेना में क्यों शामिल होते हैं, इसकी वजहें तलाशने में जुटा है। इसके लिए उसने एक नेपाली NGO के साथ डील भी की है।

नेपाल की NGO को दिए पैसे
सूत्रों के मुताबिक चीन ने 12.7 लाख नेपाली रुपये काठमांडू के एक NGO को दिए हैं। ये पैसे नेपाल के गोरखा समुदाय से भारतीय सेना में शामिल होने की वजहों को जानने के लिए एक स्टडी करने के लिए दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक चीन की नेपाल में राजदूत हाओ यान्की ने जून के पहले हफ्ते में नेपाल के NGO चाइना स्टडी सेंटर (CSC) को ये पैसे दिए हैं।

चीन और नेपाल का भारत से विवाद
चीन और नेपाल, दोनों का भारत के साथ सीमा को लेकर विवाद मई में शुरू हुआ था। चीन जहां पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास आक्रामक रवैया अपनाने लगा, वहीं नेपाल ने लिपुलेख में भारत के मानसरोवर लिंक बनाने का विरोध किया। चीन और भारतीय सेनाओं के बीच हिंसक झड़प भी हुई जिसके बाद बातचीत का दौरा जारी है। हालांकि, भारत और नेपाल के बीच सीमा विवाद पर खुलकर वार्ता नहीं हुई है।

नेपाल में उठे थे विरोध के स्वर
गोरखा सैनिकों का सेना में एक अलग ही महत्व है। भारत में भी पहाड़ी इलाकों पर ज्यादातर गोरखा जवान ही तैनात रहते है। वहीं गोरखा सैनिकों के बारे में यह भी कहा जाता है कि पहाड़ों पर उनसे बेहतर लड़ाई कोई और नहीं लड़ सकता है। हालांकि, भारत के साथ सीमा विवाद के बाद नेपाली विदेश मंत्री ज्ञावली ने कहा था कि भारतीय सेना में गोरखाओं की भर्ती से समाज में बहुत सारी नौकरियां पैदा कीं लेकिन बदले हुए संदर्भ में कुछ प्रावधान संदिग्ध हैं।

नेपाल में चीन का दखल
चीन के नेपाल की राजनीति में दखल पर भी सवाल उठते रहे हैं। पिछले दिनों जब देश की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में घमासान चरम पर था, तब हाओ यान्की ने राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उनके विरोधी पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ समेत देश के कई बड़े नेताओं से मुलाकातें कीं। इस पर देश में इस बात की काफी आलोचना हुई कि चीन उसके अंदरूनी मसले में दखल क्यों दे रहा है।

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