चिता को तरस रहा शव, कोरोना से हुई थी मौत

चिता को तरस रहा शव, कोरोना से हुई थी मौत
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जोहानिसबर्ग
संक्रमण से मरने वाले भारतीय मूल के 40 वर्षीय एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार पारिवारिक विवाद के कारण अब तक नहीं हो सका है। यह देश के कोविड-19 स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है, क्योंकि नियमों के अनुसार संक्रमण से मरने वाले व्यक्ति का अंतिम संस्कार तीन दिनों के भीतर कर दिया जाना चाहिए। संक्रमण के कारण राकेश नाना की 24 जून को मौत हो गयी थी।

उनका शव अब भी मुर्दाघर में पड़ा है क्योंकि परिवार में इस बात को लेकर विवाद है कि उनका दाह-संस्कार कौन करेगा। इस विवाद पर 17 अगस्त को वेस्टर्न केप प्रांत के उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है। नाना के माता-पिता की मौत भी मई की शुरुआत में कोविड-19 से ही हुई।

दरअसल नाना से अलग रह रही उनकी पत्नी प्राणेश्वरी ने अपने पति के चार महीने पुराने उस हलफनामे को मानने से इंकार कर दिया कि उनका दाह-संस्कार उनके बेटे के स्थान पर भांजा करेगा। प्राणेश्वरी और नाना के दो बच्चे हैं। नाना की बहन पन्ना ने अदालत से कहा कि प्राणेश्वरी और उसके बच्चे दाह-संस्कार में भाग ले सकते हैं लेकिन उनके भाई को मुखाग्नि उनका (पन्ना का) बेटा ही देगा।

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