कश्मीरियों से अपने ही वादे से पलटा पाकिस्तान!
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने मंगलवार को देश का नया नक्शा लाकर भारत के साथ विवादित क्षेत्रों पर दावा ठोक दिया। इसके साथ ही पाकिस्तान ने अपना असली चेहरा भी दिखा दिया है। खुद को कश्मीर के लोगों का शुभचिंतक बताने वाले पाकिस्तान ने खुद ही उन पर अपना हक जमा डाला है। न सिर्फ कश्मीर को विवादित क्षेत्र बताने के अपने रुख से हट गया है बल्कि कश्मीरियों को उनका अधिकार देने के वादे से भी पलट गया है। इसके साथ ही उसने साफ कर दिया है कि कश्मीर के लोगों के साथ उसक व्यवहार सिर्फ छलावा है।
किसके लिए जारी किया नया नक्शा?
दरअसल, नक्शा जारी करने के बाद इमरान खान ने कहा कि जो शुरू से पाकिस्तानियों के मन में था, कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा होना चाहिए, यह मैप उसकी दिशा में पहला कदम है। पाकिस्तान अब तक कश्मीर से जुड़े हिस्सों को विवादित क्षेत्र बताता रहा है और कश्मीर के लोगों की आजादी के लिए उनके संघर्ष में साथ देने का वादा करता रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान सरकार ने नक्शा देश की अवाम को खुश करने के लिए जारी किया है और ऐसा करके उसने कश्मीर को आजादी की लड़ाई में समर्थन आखिर कैसे दिया है?
कुरैशी ने किया था कश्मीर से झूठा वादा?
खास बात यह है कि यह नक्शा जारी करने से एक दिन पहले ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी जब नियंत्रण रेखा के दौरे पर गए थे, तो उन्होंने पिछले साल आर्टिकल 370 हटाए जाने का एक साल पूरा होने पर कश्मीरियों के साथ ‘समर्थन’ जताया था। कुरैशी ने भारत सरकार के इस कदम को अवैध बताते हुए कहा था कि पाकिस्तान के लोग कश्मीरियों आवाजों के हक में आवाज उठाएंगे। उन्होंने यहां तक कहा था कि यह जंग तब तक चलेगी जब तक UNSC के रेजलूशन के मुताबिक कश्मीरियों को आजादी का अधिकार नहीं मिल जाएगा।
चीन से लगे हिस्से पर चुप्पी
हालांकि, जाहिर है कि पाकिस्तान ने कश्मीर की आजादी को समर्थन देने के नाम पर खुद ही उन क्षेत्रों को हथियाने की चाल चल डाली। दिलचस्प बात यह भी है कि जहां ऐसे क्षेत्रों की बात आई जिन्हें लेकर चीन और भारत के बीच सीमा विवाद है, उन पर पाकिस्तान ने चुप्पी साध ली है। इन जगहों को नए मैप में ‘अनडिफाइंड फ्रंटियार’ करार दिया गया है।
कश्मीर, लद्दाख, जूनागढ़ पर दावा
पाकिस्तान ने जो नया नक्शा जारी किया है, उसमें न सिर्फ लद्दाख, जम्मू-कश्मीर के सियाचिन जैसे हिस्सों और सर क्रीक पर विवाद की जगह सीधे-सीधे अपना दावा ठोक दिया है बल्कि गुजरात के जूनागढ़ तक को अपना हिस्सा बताया है। इससे पहले नेपाल ने इसी तरह लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा पर भारत के साथ विवाद होने पर सीधे नया नक्शा जारी कर विवादित क्षेत्रों को अपना बता डाला था।