UAE का पहला मंगल मिशन, HOPE हुआ लॉन्च

UAE का पहला मंगल मिशन, HOPE हुआ लॉन्च
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तोक्यो
सऊदी अरब अमीरात का मंगल के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन सोमवार को जापान से लॉन्च हुआ। यूएई का यह मिशन मंगल ग्रह पर गया है। हालांकि मौसम ने इसमें कुछ खलल डाला था। इसी वजह से इसका लॉन्च पहले टालना पड़ा था। इस प्रोजेक्ट को होप नाम से डब किया गया।

इस यान में कोई इनसान नहीं गया है। इसकी लाइव फीड भी दिखाई गई। इस यान पर अरबी में ‘अल-अमल’ लिखा हुआ था। इस यान ने दक्षिण जापान के तानेगाशिमा स्पेस सेंटर (Tanegashima Space Centre) से उड़ान भरी।

लॉन्च के फौरन बाद रॉकेश निर्माता मित्सुबुशी हैवी इंडस्ट्री ने कहा, ‘हमने H-IIA लॉन्च वीइकल नम्बर 42 ( H-IIA F42) को लॉन्च किया है यह अमीरात मार्स मिशन (EMM) HOPE स्पेसक्राफ्ट को जापानी समयानुसार 6:58:14 (JST) (2158GMT) पर लॉन्च किया है।’ भारतीय समयानुसार यह मिशन सुबह 3:28 पर लॉन्च हुआ।

लॉन्च के पांच मिनट बाद, इस सैटेलाइट को लेकर जा रहा यान अपने रास्ते पर था। इसने अपनी यात्रा का पहला सेपरेशन भी कर लिया था।

अमीरात का प्रोजेक्ट मंगल पर जाने वाले तीन प्रोजेक्ट में से एक है। इसमें चीन के ताइनवेन-1 और अमेरिका के मार्स 2020 भी शामिल हैं। ये उस मौके का फायदा उठा रहे हैं जब धरती और मंगल के बीच की दूरी सबसे कम होती है।

नासा के अनुसार अक्टूबर में मंगल की धरती से दूरी अपेक्षाकृत 38.6 मिलियन मील (62.07 मिलियन किलोमीटर) कम होगी।
‘HOPE’ के मंगल की कक्षा में फरवरी 2021 में पहुंचने की उम्मीद है। यह सात अमीरातों के मिलकर यूएई बनने की 50वीं सालगिरह भी होगी। इसके बाद यह एक मंगल वर्ष यानी 687 दिनों तक उसकी कक्षा में चक्कर लगाएगा।

हालांकि इस मार्स मिशन का मकसद इस लाल ग्रह के पर्यावरण और मौसम के बारे में जानकारी इकट्ठा करना है लेकिन इसके पीछे एक बड़ा लक्ष्य भी माना जा रहा है- और वह है अगले 100 साल में मंगल पर इनसानी बस्ती बनाने का। यूएई इस प्रोजेक्ट को अरब के युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत के रूप में भी पेश करना चाहता है।

1960 के दशक से ही मंगल पर कई मिशन भेजे गए हैं। इनमें से ज्यादातर अमेरिकी थे। कई वहां तक पहुंच नहीं पाए या लैंड नहीं हो पाए।

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