हुवावे कर्मचारियों पर वीजा बैन लगाएगा US

हुवावे कर्मचारियों पर वीजा बैन लगाएगा US
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

वॉशिंगटन
चीन और अमेरिका के संबंधों में आए तनाव के फिलहाल कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। अमेरिका ने हॉन्ग-कॉन्ग, साउथ चाइना सी, 5जी और टेलिकॉम कंपनी हुवावे (Huawei) को लेकर चीन पर ताबड़तोड़ हमले किए हैं। साथ ही चीन की सरकार के लिए सर्विलांस का आरोप लगाते हुए यह ऐलान किया है कि हुवावे के कुछ कर्मचारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाया जाएगा जो इसके जिम्मेदार पाए जाएंगे। अमेरिका पहले ही हुवावे को अपने यहां बैन कर चुका है। इस दौरान पॉम्पिओ ने कहा कि चीन से मिलने वाली चुनौतियों का मुकाबला भारत और दूसरे लोकतंत्र कर रहे हैं।

हुवावे के कर्मचारियों पर लगेगा बैन
पॉम्पिओ ने बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ऐलान किया कि अमेरिका ने फैसला किया है हुवावे जैसी कंपनियों के कुछ कर्मचारियों पर वीजा प्रतिबंध लगाए जाएंगे। अमेरिका मानवाधिकार उल्लंघन करने के जिम्मेदार लोगों के वीजा पर प्रतिबंध लगाएगा। पॉम्पिओ का कहना है कि चीनी टेक्नॉलजी कंपनियों के कर्मचारी जो मानवाधिकार उल्लंघन करने वाली चीन की सरकार को सर्विलांस में मदद करते हैं, उन पर भी यह कार्रवाई की जाएगी।

5जी, साउथ चाइना सी पर भी घेरा
पॉम्पिओ ने इस दौरान बताया कि वह कुछ दिन बाद होने वाली ब्रिटेन की यात्रा के दौरान हॉन्ग-कॉन्ग के मुद्दे पर बातचीत करेंगे। ब्रिटिश सरकार ने टेलिकॉम कंपनियों को आदेश दिया है कि वे 2027 तक 5जी नेटवर्क से हुवावे के सभी उपकरणों को हटा दें। उन्होंने साउथ चाइना सी के मुद्दे पर अमेरिका का रुख साफ करते हुए कहा कि वह चीन का क्षेत्र नहीं है। उन्होंने ASEAN देशों का समर्थन करते हुए इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय मंच पर समाधान किए जाने का समर्थन किया।

चीन कम्युनिस्ट पार्टी है जिम्मेदार
एक सवाल के जवाब में कहा है कि चीन के साथ संबंधों में आए बदलाव का कारण कम्युनिस्ट पार्टी का बर्ताव है। उन्होंने कहा, ‘मैं वहां से आने वाली भ्रामक जानकारियों के बारे में सुनता हूं। अमेरिका अपने लोगों के लिए खड़ा है और दुनिया चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से होने वाले खतरे को समझ रही है। जब कम्युनिस्ट पार्टी का बर्ताव बदल जाएगा तो रिश्तों में बदलाव होगा।’

भारत और दूसरे लोकतंत्र कर रहे मुकाबला
इस दौरान उन्होंने भारत के साथ संबंधों पर कहा कि भारत एक अच्छा पार्टनर है। उन्होंने कहा कि उनकी अपने भारतीय समकक्ष डॉ. जयशंकर से अलग-अलग मुद्दों पर बातचीत होती रहती है। पॉम्पिओ ने कहा, ‘हमने उनकी सीमा पर चीन से हुए तनाव के बारे में बात की, चीन की टेलिकॉम कंपनियों से उन्हें होने वाले नुकसान के बारे में बात की। उन्होंने हाल ही में कई दर्जन चीनी सॉफ्टवेयर बैन किए हैं। भारत और दुनिया के लोकतांत्रिक देश चीन से मिलने वाली चुनौतियों का अब मुकाबला कर रहे हैं।’

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.