भारत के 'तर्कहीन राष्ट्रवाद' पर चीन का तंज

भारत के 'तर्कहीन राष्ट्रवाद' पर चीन का तंज
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पेइचिंग
भारत और चीन के लद्दाख में सीमा पर तनाव सुलझाने को बातचीत की जा रही है। उधर, चीनी एक्सपर्ट्स अभी भी भारत पर आरोप मढ़ने में लगे हुए हैं। चीन के प्रॉपगैंडा अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा है कि दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच जो सहमति कायम की गई है, उसे चुपचाप लागू करना होगा ताकि ‘तर्कहीन राष्ट्रवाद, खासकर भारत में’ न भड़के।

‘दोनों देशों में न भड़कें भावनाएं’
ग्लोबल टाइम्स ने शंघाई इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनैशनल स्टडीज के डायरेक्टर ऑफ द सेंटर फॉर एशिया-पैसिफिक स्टडीज के हवाले से कहा है कि दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच जो सहमति बनाई गई है, उसकी डीटेल्स, जैसे कौन सा देश पहले सेना पीछे करेगा, इसको चुपचाप लागू किया जाएगा ताकि ‘तर्कहीन राष्ट्रवादी भावनाएं, खासकर भारत में, न भड़कें।’ पेइचिंग की नैशनल स्ट्रैटेजी इंस्टिट्यूट ऐट शिंगहुआ यूनिवर्सिटी के रिसर्च डिपार्टमेंट के डायरेक्ट शियान फेंग ने कहा है कि मौजूदा हालत को देखते हुए ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे चीन और भारत के लोगों में गुस्सा भड़के।

‘राष्ट्रवाद के आगे न झुके भारत’
अखबार में कहा गया है कि भारत में पिछले कुछ हफ्तों में से चीन विरोधी माहौल बना हुआ था और राष्ट्रवादी लोग चीनी सामान पर बैन की और जंग की मांग कर रहे थे। इसके मुताबिक चीन के एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि भारत सरकार को कट्टर राष्ट्रवाद के सामने नहीं झुकना चाहिए और ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे भारत और चीन के संबंध खराब हों।

विवाद बढ़ाने वाला कदम नहीं उठाएंगे
बता दें कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वान्ग यी के बीच हुई बातचीत के बाद दोनों देशों की सेनाओं को पीछे हटाने को लेकर सहमति बनी है। चीन के विदेश विदेश मंत्री वान्ग यी (Wang Yi) की ओर से विस्तृत बयान जारी कर उम्मीद जताई गई है कि अब दोनों पक्ष ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे विवाद बढ़े।

1.5 किमी पीछे हटे हैं चीनी सैनिक
मंत्रालय के बयान में उम्मीद जताई गई है कि भारत और चीन एक दिशा में कदम उठाएंगे और आम राय को सही दिशा में गाइड किया जाएगा। दोनों देशों के बीच सहयोग और सामान्य एक्सचेंज को बनाए रखा जाएगा। ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा जिससे विवाद बढ़े या बिगड़े और मिलकर दोनों के संबंधों की सुरक्षा की जाएगी। बता दें कि सेना के सूत्रों का भी कहना है कि चीनी सैनिक डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत करीब 1.5 किमी पीछे हट गए हैं।

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