चीन ने अब भूटान की नई जमीन पर किया दावा

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

थिंपू
साउथ चाइना सी से लेकर लद्दाख तक दादागिरी दिखा रहे चीनी ड्रैगन ने अब भूटान की एक नई जमीन पर अपना दावा ठोका है। चीन ने ग्‍लोबल इन्‍वायरमेंट फसिलिटी काउंसिल की 58वीं बैठक में भूटान के सकतेंग वन्‍यजीव अभयारण्य की जमीन को ‘विवादित’ बताया। साथ ही इस परियोजना को होने वाली फंडिंग का ‘विरोध’ करने का प्रयास किया। भूटान ने चीन के इस कदम का कड़ा विरोध किया और जमीन को अपना अभिन्‍न अंग बताया।

चीन के दावे के उलट वास्‍तविकता यह है कि पिछले वर्षों में अभ्‍यारण्‍य की जमीन को लेकर कभी विवाद नहीं रहा था। हालांकि भूटान और चीन के बीच अभी सीमाकंन नहीं हुआ है। चीन की इस नापाक चाल पर भूटान ने कड़ा विरोध किया। भूटान ने चीन के इस दावे पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘साकतेंग वन्‍यजीव अभयारण्य भूटान का अभिन्‍न और संप्रभु हिस्‍सा है।’

वन्‍यजीव अभयारण्य किसी वैश्विक फंडिंग का हिस्‍सा नहीं रहा
इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे विवाद में रोचक बात यह रही कि यह वन्‍यजीव अभयारण्य कभी भी किसी वैश्विक फंडिंग का हिस्‍सा नहीं रहा है। पहली बार जब इस अभयारण्य को पैसा देने की बात आई तो चीन ने मौके को लपक लिया और जमीन पर अपना दावा ठोक दिया। चीन के विरोध के बाद भी काउंसिल ने प्रॉजेक्‍ट को अपनी मंजूरी दे दी।

काउंसिल में चीन का जहां प्रतिनिधि है, वहीं भूटान का कोई सीधा प्रतिनिधि नहीं है। भूटान का प्रतिनिधि भारत की वरिष्‍ठ आईएएस अधिकारी अपर्णा सुब्रमणि ने किया जो विश्‍वबैंक में बांग्‍लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका की प्रभारी हैं। इससे पहले दो जून को जब प्रत्‍येक परियोजना के मुताबिक चर्चा हो रही थी तब चीनी काउंसिल के सदस्‍य झोंगजिंग वांग ने इस पर आपत्ति जताई थी। उन्‍होंने इस आपत्ति को दर्ज करने के लिए कहा था।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.