चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर अमेरिका की सख्ती

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर अमेरिका की सख्ती
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वॉशिंगटन
कोरोना वायरस और अपनी सैन्य आक्रामकता को लेकर घिरे चीन के खिलाफ दुनियाभर में हॉन्ग-कॉन्ग को लेकर नाराजगी भी बढ़ती जा रही है। चीन के हॉन्ग-कॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाने के बाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उससे सवाल किए जा रहे हैं। इसी बीच अमेरिका ने चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी को इसका जिम्मेदार बताते हुए पार्टी के अधिकारियों को वीजा दिए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

CPP अधिकारियों को वीजा पर नियम कड़े
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने शुक्रवार को कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के उन अधिकारियों को सजा देने का वादा किया था जो हॉन्ग-कॉन्ग की आजादी छीनने के जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा, ‘आज हम यही करने के लिए कदम उठा रहे हैं। हमने ऐलान किया है कि CCP के उन अधिकारियों को वीजा नहीं मिलेगा जो हॉन्ग-कॉन्ग की स्वायत्ता और मानवाधिकारों को खत्म करने के जिम्मेदार हैं।’

UNHRC ने व्यक्त की चिंता
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (UNHRC) ने हॉन्ग-कॉन्ग में चीन के अत्याचार को लेकर चिंता व्यक्त की है। आयोग ने वहां हो रहे प्रदर्शनों को दबाने और उत्पीड़न के आरोपों पर चीन से सवाल किया है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त के ऑफिस ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र एक्सपर्ट्स ने पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना से लगातार संपर्क किया है और चीन में मूलभूत आजादी को दबाए जाने को लेकर चिंता व्यक्त की है।

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