नेपाल: ओली vs प्रचंड, कम्युनिस्ट पार्टी में सिर फुटव्वल

नेपाल: ओली vs प्रचंड, कम्युनिस्ट पार्टी में सिर फुटव्वल
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काठमांडू
भारत के साथ सीमा विवाद को लेकर कड़े तेवर अपना रहे प्रधानमंत्री केपी शर्मा को अपनी ही सरकार, यहां तक कि पार्टी के अंदर विरोध की आवाजें सुननी पड़ रही हैं। दरअसल, नेपाल की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यकारी चेयरपर्सन पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने सरकार को उसके खराब प्रदर्शन के लिए खरी-खरी सुनाई है। इसके बाद ओली ने सरकार का बचाव करते हुए भारत के साथ विवाद के बाद नया नक्शा जारी करने को सरकार का ऐतिहासिक कदम बताया है।

‘उम्मीदों पर खरी उतरने में विफल सरकार’
पार्टी की स्टैंडिंग कमिटी की मीटिंग में दहल ने कहा कि सरकार लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरने में विफल रही है। उन्होंने चेयरपर्सन और प्रधानमंत्री पर अदल-बदलकर पावर शेयरिंग के समझौते का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया। दहल ने कहा, ‘हम पार्टी के एकीकरण के वक्त सरकार को अदल-बदलकर चलाने के लिए सहमत हुए थे लेकिन मैंने खुद अपने कदम पीछे खींच लिए। सरकार का काम देखने के बाद मुझे लग रहा है मैंने ऐसा करके गलती की।’

‘सत्ताधारी पार्टी के नेता विपक्ष की तरह कर रहे बर्ताव’
दहल ने यह भी कहा कि अगर सरकार समाजवाद हासिल करने के अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाती है, तो पार्टी को अगले चुनावों में असफलता देखनी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार और पार्टी दोनों संकट में हैं। दूसरी ओर ओली ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि प्रशासन देशहित में जुटा हुआ है और आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी के नेता ही विपक्ष की तरह बर्ताव कर रहे हैं।

‘नक्शा जारी करना ऐतिहासिक कदम’
ओली ने कहा कि सरकार कोरोना की महामारी से निपटते हुए देश में विकासकार्य करा रही है। इस दौरान भारत के साथ सीमा विवाद का मुद्दा भी ओली ने उठाया और कहा कि हाल ही में नया राजनीतिक और प्रशासिनक नक्शा जारी किया गया है जो एक ऐतिहासिक काम है। उन्होंने कहा कि पार्टी की एकता के खिलाफ जाने वाले लोग पार्टी के खिलाफ काम करते हैं और उन्होंने दोफाड़ होने से बचा लिया है।

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