तो भारत के खिलाफ OIC? कश्मीर पर बयान

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दुबई
मुस्लिम देशों के सबसे बड़े मंच यानी ने सोमवार को कश्मीर को लेकर आपातकालीन बैठक की। को लेकर 1994 में बनाए गए ओआईसी की कॉन्टैक्ट ग्रुप के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत को लेकर कई प्रस्ताव पारित किए गए। हालांकि इस संगठन के अगुवा सऊदी अरब ने कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया।

बैठक में कौन-कौन देश हुए शामिल
ओआईसी के कॉन्टैक्ट ग्रुप के विदेश मंत्रियों की आपातकालीन बैठक में अजरबैजान, नाइजीरिया, पाकिस्तान, सऊदी अरब और तुर्की शामिल हुए। ओआईसी के महासचिव डॉक्टर यूसुफ अल-ओथइमीन ने कहा कि ओआईसी इस्लामी समिट, विदेश मंत्रियों की काउंसिल और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार जम्मू-कश्मीर के मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकालने को लेकर प्रतिबद्ध है।

भारत के खिलाफ कड़ा रूख!
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में ओआईसी के सदस्य देशों ने भारत के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार करते हुए कहा कि वे कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार का समर्थन करते हैं। इसके अलावा इस बैठक में भारत के 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने की भी आलोचना की गई। इतना ही नहीं ओआईसी ने पाकिस्तान की चाल में फंसते हुए भारत पर मानवाधिकार के उल्लंघन को लेकर जारी रिपोर्ट का समर्थन किया।

पाकिस्तान की चाल में फंसा
ओआईसी
बता दें कि भारत ने जब से जम्मू कश्मीर में अनु्च्छेद 370 को हटाया है, तब से पाकिस्तान की यही मांग थी कि ओआईसी भारत के खिलाफ कड़ा रूख अपनाए। हालांकि उस समय ओआईसी ने तटस्थ रूख अपनाते हुए कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया था। लेकिन, अब पाकिस्तान की चाल में फंसते हुए इस संगठन ने कश्मीर को लेकर बयान जारी किया है।

सऊदी किसके साथ, तय नहीं
कहा जाता है कि ओआईसी में सऊदी अरब के बिना कोई भी काम नहीं हो सकता। लेकिन, 5 अगस्त के बाद सऊदी ने कश्मीर को लेकर कोई भी नकारात्मक टिप्पणी नहीं की थी। संयुक्त अरब अमीरात और खाड़ी के कई देशों ने इसे भारत का अंदरूनी मसला बताया था। तब माना जा रहा था कि सऊदी और यूएई ने पाकिस्तान को छोड़ भारत को महत्व दिया है।

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