पाक: चीन को टैक्स छूट क्यों?, इमरान बोले- सीक्रेट

पाक: चीन को टैक्स छूट क्यों?, इमरान बोले- सीक्रेट
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

इस्लामाबाद
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री चीन के साथ साल साल पहले हुई डील को लेकर अपने ही देश में घिरते जा रहे हैं। वित्तीय मामलों को लेकर गठित एक संसदीय समिति ने जब इमरान खान से ग्वादर पोर्ट को लेकर चीनी कंपनियों को 40 साल तक टैक्स से छूट देने की बात पूछी तो उन्होंने इसे सीक्रेट डील बताया। इमरान खान ने कहा कि यह चीन के साथ सीक्रेट साइन की गई थी इसलिए इससे संबंधिक किसी भी दस्तावेज को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है।

पाकिस्तानी संसदीय समिति को जवाब देने से इनकार
सीनेटर फारुख हामिद की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने टैक्स कलेक्शन को लेकर सरकार से रिपोर्ट मांगी थी। इस दौरान समिति को जांच में पता चला कि ग्वादर पोर्ट से जुड़ी चीन की कंपनियों को 40 साल तक टैक्स देने से छूट दी गई है। इसी को लेकर समिति ने इमरान सरकार से जवाब तलब किया था।

चीन को फायदा, फंसा पाक
ग्वादर पोर्ट डील में चीनी कंपनियों को सीधे तौर पर फायदा दिखाई देता है। वहीं पाकिस्तान को टैक्स न मिलने के कारण 40 साल तक नुकसान उठाना पड़ेगा। इतना ही नहीं, ये कंपनियां जिन छोटे कंपनियों के साथ कॉन्ट्रेक्ट करेंगी उन्हें भी 40 साल तक टैक्स नहीं देना होगा।

ग्वादर का रणनीतिक इस्तेमाल करने की तैयारी
अरब सागर के किनारे पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में चीन ग्वादर पोर्ट का निर्माण चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के तहत कर रहा है और इसे पेइचिंग की महत्वाकांक्षी वन बेल्ट, वन रोड (ओबीओआर) तथा मेरिटाइम सिल्क रोड प्रॉजेक्ट्स के बीच एक कड़ी माना जा रहा है। ग्वादर पोर्ट के जरिए चीन के सामान आसानी से अरब सागर तक पहुंच जाएंगे। लेकिन तनाव बढ़ने की स्थिति में पेइचिंग इसका इस्तेमाल भारत और अमेरिका के खिलाफ सैन्य और रणनीतिक उद्देश्यों के लिए भी कर सकता है।

चीन ने ग्वादर में किया 80 करोड़ डॉलर का निवेश
चीन ने BRI के तहत पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को 80 करोड़ डॉलर की आनुमानित लागत से विकास कर रहा है। चीन के अधिकारी भले ही बार-बार यह कहते रहे हैं कि ग्वादर बंदरगाह और CPEC का उद्देश्य पूरी तरह से आर्थिक और व्यावसायिक हैं, लेकिन इसके पीछे चीन की असल मंशा सैन्य प्रभुत्व बढ़ाना है। सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ग्वादर का इस्तेमाल अपने नौसेना बेस के तौर पर कर सकता है।

पाक ने ग्वादर के लिए चीन से लिया 10 अरब डॉलर का कर्ज
अमेरिका के शीर्ष जनरल के अनुसार, पाकिस्तान ने ग्वादर पोर्ट तथा अन्य परियोजनाओं के निर्माण के लिए अपने ‘सदाबहार मित्र’ चीन से कम से कम 10 अरब डॉलर का कर्ज लिया है। शीर्ष अमेरिकी जनरल ने ग्वादर को प्रभुत्व के विस्तार के लिए चीन की ‘कर्ज के जाल में फंसाकर कब्जा’ करने वाली रणनीति बताया। उन्होंने कहा, ‘चीन अपने प्रभुत्व के विस्तार के लिए कर्ज बांटकर कब्जा करने की रणनीति के जरिये दादागीरी करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तैयार कर रहा है।’

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.