ट्रंप बोले- बोल्टन ने किम से बिगाड़े US के रिश्ते

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वॉशिंगटन
अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्‍टन की किताब ने राष्‍ट्रपति चुनाव से ठीक पहले अमेरिकी राजनीति में तूफान ला दिया है। बोल्‍टन ने अपनी किताब में दावा किया है कि डोनाल्‍ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में दोबारा जीतने के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्‍ट्रपति से मदद मांगी थी। बोल्‍टन के इस दावे को राष्ट्रपति ट्रंप झूठा और मनगढ़ंत बताया है। ट्रंप ने बोल्टन पर उत्तर कोरिया के तानाशाह के साथ अमेरिका का संबंध बिगाड़ने का भी आरोप लगाया।

ट्रंप ने बताया झूठ और बनाई गई कहानियों का पुलिंदा
ट्रंप ने ट्वीट किया कि बोल्टन की किताब को भयानक रिव्यू मिल रहा है। यह किताब झूठ और बनाई गई कहानियों का संकलन है और सभी मुझे बुरा दिखाने का प्रयास है। उन्होंने इस किताब में मेरे द्वारा बताई गई कई हास्यास्पद बातों को लिखा है जो कभी हुआ ही नहीं।

किम जोंग के साथ संबंध बिगाड़ने का लगाया आरोप
उन्होंने उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को लेकर कहा कि जब एनएसए बने तो उन्होंने मूर्खतापूर्ण तरीके से कहा कि वे उत्तर कोरिया के लिए लीबियन मॉडल को अपना रहे हैं। इसी के बार दोनों देशों में रिश्ते बिगड़ने शुरू हुए। किम जोंग उन जो हमसे बहुत अच्छे तरीके से मिले थे वे मिसाइल टेस्ट करने लगे। सही तो यह है कि किम जोंग अपने आसपास बोल्टन को नहीं देखना चाहते थे। बोल्टन के सभी बयानों ने उत्तर कोरिया के साथ हमारे रिश्तों को बिगाड़ दिया जो अब भी वैसे ही हैं। जब मैंने बोल्टन से पूछा कि तुम अब क्या सोच रहे हो उसके पास माफी मांगने के अलावा कोई जवाब नहीं था। मुझे लगता है कि उसे सही समय पर निकाल देना चाहिए था

ट्रंप बोले- बोल्टन उबाऊ और मूर्ख जो केवल युद्ध चाहते थे
बता दें कि इससे पहले ट्रंप ने बोल्‍टन की किताब को झूठ और फेक स्‍टोरी का पुलिंदा करार दिया था। ट्रंप ने कहा था कि जॉन बोल्‍टन की उबाऊ किताब झूठ और फर्जी कहानियों से भरी हुई है। जब तक मैंने बोल्‍टन को निकाला नहीं था, तब तक वह मेरे बारे में अच्‍छा कहते रहे थे। वह एक असंतुष्‍ट उबाऊ मूर्ख हैं जो केवल युद्ध करना चाहते हैं। राष्‍ट्रपति जॉर्ज बुश ने भी उन्‍हें निकाल दिया था। बोल्‍टन अक्षम हैं।

‘ट्रंप ने चुनाव के ल‍िए शी चिनफिंग से मदद मांगी थी’
इससे पहले बोल्‍टन ने दावा किया था कि ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में दोबारा जीतने के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन में चीन के अपने समकक्ष शी चिनफिंग से मदद मांगी थी। उधर, अमेरिकी राष्‍ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस ने कहा है कि बोल्टन की आगामी किताब में ‘गोपनीय सूचनाएं’ हैं और न्याय विभाग ने इस किताब के प्रकाशन पर अस्थायी रोक लगाने की मांग की है।

किताब में कई गोपनीय सूचनाएं होने का दावा
‘द रूम वेयर इट हैपन्ड : अ वाइट हाउस मेमोयर’ नाम की इस किताब के अंश द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉशिंगटन पोस्ट और द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बुधवार को छापे। इस किताब के 23 जून से दुकानों में मिलने की उम्मीद है। राष्ट्रपति ने पिछले साल बोल्टन को बर्खास्त कर दिया था। वाइट हाउस की प्रेस सचिव कैली मैकनैनी ने पत्रकारों से कहा, ‘इस किताब में कई गोपनीय सूचनाएं हैं जो अक्षम्य है। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन को भी यह समझना चाहिए कि ऐसी किताब में अमेरिका की सरकार की अत्यधिक गोपनीय सूचनाएं होना अस्वीकार्य है जो प्रकाशित होगी। यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है। इसकी समीक्षा नहीं की गई है।’

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