Boycott China' भारत के लिए आत्मघाती: चीन

Boycott China' भारत के लिए आत्मघाती: चीन
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पेइचिंग
भारत संघर्ष के बीच चीनी मीडिया ने एक बार फिर भारत को चेतावनी देते हुए लिखा है कि दोनों देशों के बीच जारी तनाव के दौरान एंटी चाइना मूवमेंट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती कदम होगा। चीन सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने आरोप लगाया कि भारत में कुछ लोग अपने हितों के लिए चीन के प्रति शत्रुता को बढ़ावा दे रहे हैं। उसने धमकी भरे लहजे में लिखा कि भारत को यह समझना चाहिए कि चीन का संयम कमजोर नहीं है।

अपने हितों के लिए चीन का विरोध करने का आरोप
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सहयोगी स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने मंगलवार को चीन और चीनी उत्पादों का आर्थिक बहिष्कार करने की अपनी मांग को दोहराया। ट्रेड और इन्वेस्टमेंट को लेकर एंटी चाइना ग्रुप भारत से चीन को आर्थिक रूप से चोट पहुंचाने के लिए कह रहे हैं। चीनी मीडिया ने लिखा कि कुछ लोग अपने हितों के लिए ऐसा कर रहे हैं लेकिन इनकी संख्या भारत की विशाल जनसंख्या की अपेक्षा कुछ ही फीसदी है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती
ग्लोबल टाइम्स ने चेतावनी देते हुए लिखा कि बॉयकाट चाइना की आवाजें एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती है। इससे भारत का इस क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (चीन) के साथ विवाद पैदा होगा। उसने कहा कि निवेश और व्यापार के साथ सीमा मुद्दों को जोड़ना अतार्किक है।

चीन के संयम को लेकर चेतावनी दी
चीन की सरकारी मीडिया ने एक तरह से चेतावनी देते हुए लिखा कि सीमा पर पैदा हुए नए तनावों का आकलन करते समय भारत को यह समझना चाहिए कि चीन का संयम कमजोर नहीं है। दोनों देशों को अपने बहुमूल्य विकास के अवसरों को संजोना चाहिए और अच्छे द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखना चाहिए। भारत के लिए चीन के विरोधी समूहों को जनता की राय को भड़काने की अनुमति देना बेहद खतरनाक होगा और इससे तनाव बढ़ सकता है। दोनों पक्षों और क्षेत्र के लिए प्राथमिकता अब आर्थिक सुधार में तेजी लाना है।

तनाव बढ़ने से होगा नुकसान
अर्थव्यवस्था को लेकर भारत को समझाइश देने की शक्ल में चीनी मीडिया ने लिखा कि कोरोनोवायरस महामारी के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था को बड़ी अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। इस वर्ष अर्थव्यवस्थाओं पर बढ़ते दबाव के बीच यदि चीन और भारत सीमा तनाव को कम नहीं करते हैं तो दोनों तरफ के आर्थिक विकास को निश्चित ही भारी नुकसान होगा।

भारतीय विदेश मंत्री ने चीन से जताया विरोध
बता दें कि सोमवार को गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद भारत चीन में तनाव चरम पर है। इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी विदेशमंत्री वांग यी को फोनकर खूब खरीखोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों ने जो कुछ किया है उसके दूरगामी परिणाम भारत चीन के संबंधों पर पड़ेगा।

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