मंगल पर पहली बार मिली चमकती ऑक्सिजन
मंगल पर जीवन है या नहीं इस सवाल का जवाब मिलने में अभी कुछ वक्त लग सकता है लेकिन वैज्ञानिकों को वहां चमक रही ऑक्सिजन के सबूत मिल गए हैं। यूरोपियन स्पेस एजेंसी के ऑर्बिटर ने मंगल के वायुमंडल में चमक रही ऑक्सिजन की खोज कर ली है। ऐस्ट्रोनॉमर्स ने करीब 40 साल से ऑक्सिजन की मौजूदगी का दावा किया है लेकिन पहली बार इसके सबूत मिलने से वैज्ञानिक बेहद उत्साहित हैं।
अंतरिक्ष से पृथ्वी पर दिखती है ऐसी चमक
चार साल से मंगल का चक्कर काट रहे ऑर्बिटर ExoMars Trace Orbiter (TGO) को पहली बार हरे रंग में चमकती ऑक्सिजन दिखाई दी है। यह सूरज की किरणों के हवा में मौजूद एलिमेंट्स से मिलने पर पैदा होती है। हमारे सोलर सिस्टम में दूसरे किसी ग्रह पर ऐसी चमक नहीं देखी गई है। पृथ्वी के ऊपर भी रात को ऐसी चमक इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन से देखी जा सकती है लेकिन वह मंगल की चमक से हल्की होती है।
पहली बार किसी और ग्रह पर दिखी ऐसी चमक
स्टडी के लेखक बेल्जियम की यूनिवर्सिटी डि लीश के जीन-क्लॉड जेरार्ड ने बताया है, ‘पृथ्वी पर सबसे चमकदार रोशनी रात में आती है। ऑक्सिजन ऐटम एक खास वेवलेंथ एमिट करते हैं जो किसी और ग्रह पर नहीं दिखती है।’ TGO को मंगल की तस्वीर 2019 में अप्रैल से दिसंबर के बीच मिली थी। टीम ने ऑर्बिटर के अडवांस्ड इन्स्ट्रूमेंट्स NOMAD (Nadir and Occultation for Discovery) और अल्ट्रावॉइलट और विजिबल स्पेक्ट्रोमीटर से मंगल के वायुमंडल को स्कैन किया।
कार्बनडाइऑक्साइड से ऑक्सिजन बनती है
स्टडी में पाया गया कि ऑक्सिजन की यह चमक सबसे ज्यादा 2 लाख 62 हजार फीट पर थी और मंगल और सूरज के बीच की दूरी के हिसाब से बदलती जा रही थी। इसे मॉडल करने के बाद पाया कि यह कार्बन डाइ ऑक्साइड के ऑक्सिजन और कार्बन मोनो ऑक्साइड के उत्सर्जन की वजह से पैदा होती है। इससे निकलने वाली ऑक्सिजन विजिबल और अल्ट्रावॉइल्ट लाइट दोनों में चमक रही थी। मंगल की चमक यह चमक पृथ्वी की तुलना में 16.5 गुना ज्यादा है। इस खोज से मंगल पर सैटलाइट मिशन भेजने में मदद मिलेगी।