कोरोना को घर में दें मात, एक्सपर्ट ने बताया कैसे

कोरोना को घर में दें मात, एक्सपर्ट ने बताया कैसे
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

मैरीलैंड
कोरोना वायरस को लेकर लोगों के मन में कई सवाल है। न सिर्फ इस बीमारी बल्कि उसके इलाज और उस पर होने वाले खर्च ने भी लोगों को परेशान कर रखा है। ऐसे में अमेरिका की मैरीलैंड यूनिवर्सिटी अपर चेसापीक हेल्थ के डॉक्टर फहीम यूनुस ने ट्विटर लोगों की यह परेशानी कुछ हद तक दूर करने की कोशिश की है। डॉ. फहीम ने बताया है कि लोग कुछ बातों का पालन करें तो घर पर ही वह इन्फेक्शन को हरा सकते हैं। उन्होंने दावा किया है कि घर पर ही सही तरीके से रहने से 80-90% लोग ठीक हो सकते हैं।

अलग करें कमरा, बाथरूम
डॉ. फहीम ने एक ट्विटर थ्रेड में बताया कि सबसे पहले इन्फेक्शन होने पर खुद को 14 दिन के लिए अलग कर लें। इस दौरान अलग कमरे में रहे हैं, अलग बाथरूम का इस्तेमाल करें और अपने बर्तन भी अलग कर लें। अगर एक ही कमरा हो तो मोटे पर्दे या स्क्रीन ने बीच में दीवार खड़ी करें और उसके पीछे रहे हैं। अगर बाथरूम एक ही हो तो जाने से पहले फेसमास्क पहनें और इस्तेमाल के बाद पूरा सर्फेस साफ करें। अगर रूम शेयर कर रहे हैं तो स्टीम, नेबुलाइजर, सीपैप शेयर न करें।

दवाइयों को लेकर न हों परेशान
उन्होंने बताया है कि ज्यादातर मामलों में सिर्फ paracetamol या ibuprofen चाहिए होती है। ऐंटीबायोटिक्स की जरूरत नहीं होती है। हो सके तो हर रोज तापमान, सांस की गति, पल्स और बीपी नापें। ज्यादातर स्मार्टफोन्स में पल्स ऑग्जिमेंट्री ऐप होता है। अगर इसमें ऑग्ज 90 के नीचे हो या बीपी 90 सिस्टोलिक के नीचे जाए, तो डॉक्टर से बात करें। 60-65 की उम्र में हाई बीपी, मोटाबे, मधुमेह झेल रहे लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा होता है।

लंबा है रास्ता, धैर्य रखें
इन्फेक्शन में आइसोलेशन से जुड़ी एक अहम बात डॉ. फहीम ने बताई है कि इस दौरान ऐसे काम करें जिनसे मन को शांति मिले और एंजायटी कम हो। रिकवरी में 2-3 हफ्ते लग सकते हैं। इसलिए अच्छे से खाएं, अच्छे से सोएं। अगर आपकी हालत खराब हो रही है तो डॉक्टर से बात करें या अस्पताल जाएं। परिजनों से दूर रहें और उन्हें कोरोना से बचाएं। ज्यादातर मामलों में मृत्यु की संभावना 1% से भी कम है।

क्या न करें
डॉ. फहीम ने Actemra/plasma/remdesivir जैसी एक्सपेरिमेंटल दवाओं पर अपना समय, पैसे खर्च न करने की सलाह दी है। साथ ही उन्होंने बताया है कि जड़ी-बूटियों, जिंक आदि पर स्टडी नहीं की गई है, इनका इस्तेमाल न करें। COVID के मरीजों पर zithromax/HCQ/विटामिन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ध्यान दें कि अगर आपकी हालत खराब नहीं हो रही है, तो आप ठीक हो रहे होंगे। COVID टेस्ट रिपीट न कराएं।

और यूं मिलेगी जीत
लक्षण आने के 14 दिन बाद जब 3 दिन लगातार बिना दवाओं के लक्षण न आएं तो इसका मतलब अब आप ठीक हैं। वह प्लाज्मा डोनट करें। संभावना है कि अब वायरस के इम्यूनिटी मिल गई होगी लेकिन इसे लेकर पुख्ता नहीं हुआ जा सकता कि दोबोरा इन्फेक्शन नहीं होगा।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.