चीन से कोल्ड-वॉर में US को भारत से मदद की उम्मीद

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वॉशिंगटन
पिछले काफी समय से अमेरिका और चीन के बीच तनावपूर्ण स्थिति जारी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन पर जुबानी हमला करने या उसके खिलाफ कदम उठाने पीछे नहीं हट रहे हैं। चीन भी समय-समय पर अपना रुख साफ कर देता है कि वह झुकने वाला नहीं है। इस बीच अमेरिका के चिंतकों और नेताओं की ऐसी राय बन रही है कि चीन के साथ कॉल्ड वॉर जैसी स्थिति में भारत उसका सहयोगी साबित होगा। इसलिए अमेरिका की विदेश नीति में भारत को ऊंचा स्थान मिलना चाहिए।

चीन की महत्वाकांक्षाओं को जवाब दे सकता है भारत
टेक्सस से रिपब्लिकन सीनेट जॉन कॉर्निन ने इसे लेकर ट्वीट किया है कि एक संपन्न, ताकतवर और लोकतांत्रिक भारत प्रभुत्व की चाहत वाली चीन की महत्वाकांक्षाओं को जवाब दे सकेगा। जॉन ने ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ में अमेरिकी ऐकडेमिक वॉल्टर रसल मीड के आर्टिकल को शेयर करते हुए ऐसा कहा है। इस आर्टिकल में मीड ने कहा है कि भारत को उसके ग्रोथ-रेट को बढ़ाने में मदद करना अमेरिका की विदेश नीति के लक्ष्यों में सबसे ऊपर होना चाहिए।

भारत है अमेरिका का स्वाभाविक साथी
मीड ने तर्क दिया है कि अमेरिका ने लोकतांत्रिक देशों को अमीर बनने में मदद की और कोल्ड वॉर जीता था। अब वक्त आ गया है कि इसी तरीके का इस्तेमाल भारत से शुरू किया जाए। उन्होंने भारत को अमेरिका का स्वाभाविक साथी बताया है। कोरोना वायरस की महामारी, साउथ चाइना सी में सैन्य ताकत के प्रदर्शन और हॉन्ग-कॉन्ग में चीनी दखल को लेकर अमेरिका से उसके रिश्ते तनावपूर्ण होते जा रहे हैं।

मोदी सरकार के बिना अटक जाएगा ग्रोथ रेट
मीड ने कहा है कि बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी सरकार की तेज कोशिशों के भारत की ग्रोथ एक रेट पर स्थिर हो जाएगी। इससे भारतीयों की आय तो बढ़ेगी लेकिन देश चीन से पीछे होता जाएगा। लोकतांत्रिक भारत का ग्रोथ रेट चीन के साथ अंतर कम करने तक बढ़ाने में मदद करना अमेरिका की विदेश नीति का लक्ष्य होना चाहिए।

अमेरिका ने उठाए कड़े कदम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ अपना गुस्सा हाजिर करते हुए कुछ चीनी नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाने का ऐलान किया। इतना ही नहीं, उन्होंने अमेरिका में चीन से आने वाले इन्वेस्टमेंट के नियमों को भी कड़ा करने का फैसला किया। बता दें कि कुछ दिन पहले ही अमेरिकी कांग्रेस में चीन के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने को लेकर एक बिल पेश किया गया है।

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