हॉन्ग-कॉन्ग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाएगा चीन
हॉन्ग-कॉन्ग में पिछले एक साल से जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच चीन ने एक बड़ा फैसला किया है। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक कई बार हिंसक हो चुके विरोध प्रदर्शनों को ध्यान में रखते हुए हॉन्ग-कॉन्ग के लिए नैशनल सिक्यॉरिटी कानून लाने का फैसला किया गया है। चीन 1997 से यहां सत्ता में है और उसके बाद से सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन एक साल से जारी हैं। चीनी संसद के सालाना सत्र के दौरान इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी जो शुक्रवार से शुरू हो रहा है।
हॉन्ग-कॉन्ग के लिए कानून
शिन्हुआ ने कहा है कि चीनी संसद सत्र से पहले एक बैठक में ‘नैशनल सिक्यॉरिटी की रक्षा के लिए हॉन्ग-कॉन्ग में विशेष प्रशासनिक क्षेत्र में कानून व्यवस्था को स्थापित करने और बेहतर करने और तंत्र को लागू करने के लिए’ बिल पर समीक्षा को अजेंडा में शामिल किया गया। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक इस कानून के तहत विदेशी हस्तक्षेप, आतंकवाद और राष्ट्रदोही गतिविधयों पर प्रतिबंध होगा जिनसे सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही हो।
1997 में चीन के हिस्से में था हॉन्ग-कॉन्ग
अंग्रेजी अखबार अल जजीरा की कटरीना यू के मुताबिक इस विधेयक से पेइचिंग हॉन्ग-कॉन्ग की राजनीतिक उठापटक को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि हॉन्ग-कॉन्ग ब्रिटिश शासन से चीन के हाथ 1997 में ‘एक देश, दो व्यवस्था’ के तहत आया और उसे खुद के भी कुछ अधिकार मिले हैं। इसमें अलग न्यायपालिका और नागरिकों के लिए आजादी के अधिकार शामिल हैं। यह व्यवस्था 2047 तक के लिए है।
राष्ट्रगान को लेकर विवाद
कुछ दिन पहले हॉन्ग-कॉन्ग में
के राष्ट्रगान को लेकर विधान परिषद में पेश किए एक विधेयक पर जमकर बवाल हुआ था। परिषद में चर्चा के दौरान लोकतंत्र समर्थक सांसदों ने इस बिल का विरोध किया था जिसके बाद लोकतंत्र समर्थक कई सांसदों को जबरन परिषद की कार्यवाही से बाहर निकाल दिया गया। बता दें कि इस विधेयक के पास होने के बाद हॉन्ग-कॉन्ग में चीनी राष्ट्रगान का अनादर करना अपराध की श्रेणी में आ जाएगा।
विरोध प्रदर्शनों में कइयों की मौत
हॉन्ग-कॉन्ग चीन का एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है जहां आजादी की मांग को लेकर लाखों संख्या में पहले भी लोगों ने प्रदर्शन किया था। हालांकि, चीनी फौज और हॉन्ग-कॉन्ग की चीन समर्थित सरकार ने महीने भर से ज्यादा समय तक चले इस आंदोलन को हिंसक तरीके से कुचल दिया। इस दौरान हुई झड़पों में बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई थी।