हटेंगी मिसाइलें, सऊदी को ट्रंप का झटका?

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

वॉशिंगटन
ईरान के खिलाफ सऊदी अरब के साथ खड़े होने का दावा कर रहे अमेरिका ने रियाद को झटका दिया है। अमेरिका ने फैसला किया है कि वह सऊदी अरब में तैनात ऐंटी-मिसाइल सिस्टम पैट्रियट को हटाएगा। इन्हें पिछले साल तैनात किए गया था जब सऊदी ने आरोप लगाया था कि ईरान की ओर से उसके तेल के ठिकानों पर हमला किया गया। हालांकि, अमेरिका ने दावा किया है कि यह मिसाइलों को हटाया जाना एक नियमित प्रक्रिया है और वह अभी भी सऊदी के साथ खड़ा है।

ट्रंप-सलमान ने फोन पर की बात
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सऊदी अरब के किंग सलमान ने फोन पर बातचीत की और रक्षा के क्षेत्र में पार्टनरशिप का दावा किया। वाइट हाउस प्रवक्ता जुड डीर ने बताया कि दोनों नेताओं ने ग्लोबल एनर्जी मार्केट में स्थिरता की अहमियत पर चर्चा की और अमेरिका-सऊदी रक्षा सहयोग पर भी दृढ़ता दिखाई। सऊदी अरब ने स्टेटमेंट में कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उसके हितों की रक्षा करने के लिए और क्षेत्र में दूसरे सहयोगियों की सुरक्षा के लिए समर्पण जताया है।

ऐंटी-मिसाइलें हटाएगा अमेरिका
इससे पहले अमरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने उन मीडिया रिपोर्ट्स की पुष्टि की थी जिनमें कहा गया था कि अमेरिका अपने ऐंटी-मिसाइल सिस्टम हटाएगा। हालांकि, माइक ने दावा किया था कि मिसाइलें हटाने का मतलब यह नहीं है कि अमेरिका ने सऊदी का समर्थन करना कम कर दिया है और न ही रियाद पर तेल संबंधी मुद्दों को लेकर दबाव बनाने की कोशिश हैं। माइक ने यह भी कहा कि ऐसा नहीं कि अब ईरान से कोई खतरा नहीं है। माइक ने कहा, ‘वे पैट्रियट बैट्रियां कुछ समय के लिए लगाई गई थीं। उन्हें वापस जाना था। यह फोर्सेज का नॉर्मल रोटेशन था।’

ट्रंप ने दी थी चेतावनी
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक पिछले महीने एक फोन कॉल पर ट्रंप ने सलमान को चेतावनी दी थी कि अगर सऊदी ने तेल का उत्पादन कम नहीं किया तो अमेरिका अपनी फोर्स हटाने पर मजबूर हो जाएगा। कोरोना वायरस महामारी की वजह से तेल की खपत कम हो चुका है और ग्लोबल इकॉनमी पर नकारात्मक असर पड़ा है। इसे देखते हुए ट्रंप ने सलमान ने कहा था कि सऊदी को तेल का आउटपुट कम करना होगा। हालांकि, इसके बाद उत्पादन कम करने का ऐलान कर दिया गया था।

क्या था विवाद
सितंबर 2019 में सऊदी अरब के तेल ठिकानों पर ड्रोन से हमला किया गया। इस हमले की जिम्मेदारी यमन के एक गुट ने ली थी लेकिन सऊदी ने ईरान के ऊपर आरोप लगाया था। इस पर ईरान ने विदेशों ताकतकों को जिम्मेदार ठहराया और अमेरिका से इलाका छोड़ देने को कहा। इसके बाद अमेरिका ने अपनी पैट्रियट मिसाइलों और दूसरे डिफेंस सिस्टम वहां तैनात किए थे।

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.