रायपुर : डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल के एचआईवी वायरल लोड टेस्टिंग लैब में आज से कोरोना वायरस की जांच शुरू

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रायपुर : रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के एचआईवी वायरल लोड टेस्टिंग लैब में आज से कोविड-19 के संभावित मरीजों की सैंपल जांच शुरू हो गई है। कोरोना वायरस की जांच के लिए आईसीएमआर (India Council of Medical Research) के मानकों के अनुरूप लैब को अपग्रेड किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री के तौर पर श्री टी.एस. सिंहदेव के कार्यकाल की शुरूआत में ही डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में एचआईवी वायरल लोड टेस्टिंग लैब स्थापित करने की योजना बनी थी। लैब तैयार हो जाने के बाद पिछले साल 11 जुलाई को उन्होंने इस लैब का उद्घाटन किया था। इससे पहले क्षेत्रीय प्रयोगशाला (Regional Laboratory) की सुविधा छत्तीसगढ़ में केवल जगदलपुर में ही थी। यह भी संयोग है कि संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के दिन उनके नाम पर स्थापित प्रदेश के इस सबसे बड़े अस्पताल में इस नई सुविधा की शुरूआत हो रही है।

अस्पताल के एचआईवी वायरल लोड टेस्टिंग लैब में आईसीएमआर (India Council of Medical Research) के दिशा-निर्देशों और मानकों के अनुरूप अत्याधुनिक आरटी-पीसीआर मशीन (RT-PCR – Real Time Polymerase Chain Reaction Machine), तीन बायो सेफ्टी कैबिनेट (BSC – Bio-safety Cabinet), तीन लेमिनार एयर फ्लो कैबिनेट (Laminar Air Flow Cabinet), ड्राई बाथ इनक्यूबेटर (Dry Bath Incubator), माइनस 80 डिग्री (-80℃) एवं माइनस 20 डिग्री (-20℃) सेंटीग्रेड के दो रेफ्रिजरेटर एवं अन्य उपकरण स्थापित कर कोविड-19 की जांच के लिए अपग्रेड किया गया है। एम्स की टीम ने लैब का भ्रमण कर यहां की मशीनों, स्टॉफ एवं व्यवस्थाओं से संतुष्ट होकर आईसीएमआर के प्रोटोकॉल और दिशा-निर्देशों के अनुसार जांच की अनुमति दी है। इस लैब में रोजाना 90 से 100 सैंपलों की जांच होगी। आज पहले दिन यहां 22 सैंपलों की जांच हुई।

पं. जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद नेरल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट की स्थिति को देखते हुए सभी तकनीकी प्रोटोकॉल और आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के साथ मात्र चार से पांच दिनों में इस लैब को विकसित किया गया है। यह आईसीएमआर द्वारा अनुमोदित बीएसएल-2/BSL-2 लैब (जैव सुरक्षा का वह स्तर जिसमें आवश्यक जैव रासायनिक सावधानियां बरती जाती हैं) है, जिसे भविष्य में अन्य वायरल रोगों के निदान के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।

डॉ. नेरल ने बताया कि प्रयोगशाला में कोविड-19 सैम्पल जाँच के दौरान जैव सुरक्षा के वैश्विक ऐहतियात (Universal Protocol) का पालन करते हुये व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण (पीपीई किट) पहनना अनिवार्य है, ताकि वहां काम करने वालों को किसी प्रकार का संक्रमण न हो। साथ ही सैम्पल जांच में लगे कुछ लोग तब तक अपने घर नहीं जा सकेंगे, जब तक जाँच पूरी न हो जाये। इसके बाद उन्हें 14 दिनों के लिये क्वारेंटाईन में जाना होगा। क्वारेंटाईन अवधि पूरी होने के बाद ही वे अपने घर जा सकेंगे।

कोविड-19 की जाँच के लिये 16 लोगों की टीम बनाई गई है। इस टीम में माइक्रोबायोलॉजिस्ट, साइंटिस्ट, लैब टेकनीशियन और लैब असिस्टेंट शामिल हैं। यहां कोरोना सैम्पलों की जांच दो पालियों में होगी। इस लैब में रायपुर के साथ ही बिलासपुर संभाग एवं सरगुजा संभाग के कोरोना सैम्पल की जाँच की जाएगी। यह जाँच सुविधा पूर्णतः निःशुल्क है।

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