मदनवाड़ा कांड की न्यायिक जांच की घोषणा से भाजपा क्यों बौखलाई ?

मदनवाड़ा कांड की न्यायिक जांच की घोषणा से भाजपा क्यों बौखलाई ?
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रायपुर। मदनवाड़ा कांड की न्यायिक जांच आयोग गठित होने पर भाजपा द्वारा दिया गया बयान दरअसल सच्चाई उजागर हो जाने से घबराहट और बौखलाहट में बोला गया झूठ है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा नेताओं ने यह गलत बयानी है कि कांग्रेस ने कभी मदनवाड़ा का मामला भाजपा शासनकाल में नहीं उठाया। सच्चाई तो यह है कि कांग्रेस के नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मदनवाड़ा की घटना की सूचना मिलने के तत्काल बाद राजनांदगांव जाकर न केवल स्वयं वस्तुस्थिति की जानकारी ली थी। उस समय से लगातार मदनवाड़ा मामले में विसंगतियों को भूपेश बघेल उठाते रहे है। कांग्रेस पार्टी ने भूपेश बघेल जी के अध्यक्ष रहते हुये मदनवाड़ा मामले को लगातार उठाया है। 29 जून 2013 को तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत और तत्कालीन कांग्रेस विधायक दल के नेता रविन्द्र चौबे के संयुक्त बयान में भी जीरम के साथ-साथ मदनवाड़ा की घटना को लेकर रमन सिंह सरकार पर सुस्पष्ट आरोप लगाये गये थे। 3 दिसंबर 2014 को माओवादी हमले में 14 जवानों की शहादत के बाद भी कांग्रेस ने यह मामला उठाया था। 18 दिसंबर 2014 को भी कांग्रेस के बयान में कहा गया था ’’मदनवाड़ा मामले में भाजपा सरकार का रवैया गलत है। मदनवाड़ा की घटना को गंभीरता से नहीं लिया गया। भाजपा सरकार संवेदनहीन क्रूर और निर्दयी बनी रही। तिथी एवं लिखित दस्तावेजों से यह स्पष्ट है कि भाजपा का दावा झूठा और गलत है।’’

छत्तीसगढ़ के सपूतों क़ी मदनवाड़ा में शहादत की जाँच होनी ही चाहिये

मदनवाड़ा की न्यायिक जांच कराने के भूपेश बघेल सरकार के फ़ैसले का स्वागत

छत्तीसगढ़ के सपूतों क़ी मदनवाड़ा में शहादत की न्यायिक जांच कराने के भूपेश बघेल सरकार के फ़ैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि लगातार मदनवाड़ा की साजिश को लेकर सवाल जनमानस में बने रहे। न्यायिक जांच की घोषणा से अंततः मदनवाड़ा की साजिश उजागर होने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। 12 जुलाई 2009 माओवादी हमले में राजनांदगाँव के एसपी बी.के. चौबे सहित 29 पुलिसकर्मियों की मदनवाड़ा में शहादत के मामले में साज़िश उजागर होनी चाहिए। जिन संदेहास्पद परिस्थितियों में बी.के. चौबे सहित 29 पुलिसकर्मी की शहादत हुई थी उसकी जाँच न्यायिक आयोग द्वारा कराने के भूपेश बघेल सरकार के फ़ैसले का कांग्रेस स्वागत करती है। मदनवाड़ा की घटना के बाद दो लगातार सूचना तंत्र की विफलता और एसपी को बगैर पर्याप्त सुरक्षा और तथाकथित परिस्थिति बताकर भेजे जाने को लेकर बड़े सवाल खड़े होते रहे हैं। छत्तीसगढ़ के 29 सपूतों क़ी मदनवाड़ा में शहादत की जाँच होनी ही चाहिए।

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