गौधन संरक्षण छत्तीसगढ़ की संस्कृति का अभिन्न अंग: मंत्री रविन्द्र चौबे

गौधन संरक्षण छत्तीसगढ़ की संस्कृति का अभिन्न अंग: मंत्री रविन्द्र चौबे
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रायपुर,कृषि एवं पशुधन विकास मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने आज राजधानी रायपुर के महावीर गौशाला मंे गोपाष्टमी महोत्सव केे अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि गौधन संरक्षण छत्तीसगढ़ की संस्कृति का अभिन्न अंग है। उन्होंने महावीर गौशाला में गौधन संरक्षण के संबंध मंे किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह अत्यंत सौभाग्य की बात है कि महावीर गौशाला के द्वारा 1920 से लगातार पशुधन के संरक्षण व संवर्धन का कार्य सफलता पूर्वक किया जा रहा है।

कृषि मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति मंे पशुधन का विशेष महत्व है। गौठान हमारी समृद्ध और सांस्कृतिक परंपरा का अंग है। गौधन संरक्षण व संवर्धन छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण प्राथमिकता हैं। सुराजी गांव योजना के तहत गांवों मंे पशुधन संरक्षण एवं संवर्धन हेतु गौठानों का निर्माण किया जा रहा है। गौठानों को आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। इन केन्द्रों में बायो गैस, जैविक खाद और गोबर से अगरबत्ती, धूप, गोबर के दिये, गमलें व अन्य विविध सामग्रियों के निर्माण के लिए महिला समूहों को भी जोड़ा जा रहा है।

श्री चौबे ने कहा कि शासन द्वारा गौठान को व्यवस्थित स्वरूप प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों को नियमित रूप से गौशालाओं के निरीक्षण एवं आवश्यक मदद प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिन गौशालाओं में सुव्यवस्थित रूप से पूरी निष्ठा के साथ गौ संरक्षण का कार्य किया जा रहा है, वहां शासन द्वारा सभी संभव मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में गौसेवा के महत्वपूर्ण कार्य के निर्वहन में लापरवाही बरतना पाए जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि अभी तक लगभग 2 हजार गौठानों का निर्माण किया गया है, जहां पशुधन संरक्षण एवं संवर्धन हेतु विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही है। गौठानों में पशुधन के लिए चारा व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, सोलर पंप, फेंसिंग/सीपीटी, वृक्षारोपण आदि कार्य किए जा रहे है। साथ ही पशुओं से प्राप्त होने वाले गोबर के प्रबंधन हेतु वर्मी टांका, नाडेप टांका, बायोगैस संयंत्र आदि का भी निर्माण किया जा रहा है। गौठान संचालन हेतु महिला स्व-सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

गौधन संरक्षण मंे सफल होने के लिए समाज के सभी वर्गाें का सक्रिय सहयोग व भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गौधन संरक्षण से कुटीर उद्योगों को भी बढ़ावा मिलता है। उन्होंने ग्राम बनचरौदा के गौठान का उदाहरण देते हुए कहा कि बनचरौदा में महिला स्व सहायता समूह द्वारा गोबर से दीये व गमलों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे उनको आर्थिक लाभ होने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का कार्य भी हो रहा है।

कृषि मंत्री ने कार्यक्रम के प्रारंभ में गौमाता की पूजा अर्चना की। उन्होंने कार्यक्रम में गौसेवा के क्षेत्र मंे उत्कृष्ट कार्य करने वाले गौ सेवकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर महावीर गौशाला के अध्यक्ष श्री रामजी लाल अग्रवाल, श्री ललित सिंघानिया, श्री सियाराम अग्रवाल, श्री बंशीलाल उपाध्याय सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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