प्रदेश में गांधी जयंती से शुरू होगा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान

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रायपुर, महात्मा गांधी जी के 150वीं जन्म दिवस पर 02 अक्टूबर से 0 से 5 आयु वर्ग के कुपोषित एवं एनीमिया पीडि़त बच्चों और 15 से 49 आयु वर्ग की एनीमिया पीडि़त महिलाओं को कुपोषण एवं एनीमिया से मुक्त कराने के लिए प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान‘ प्रारंभ किया जा रहा है। मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर ने अभियान के शुभारंभ एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा है कि कुपोषण एवं एनीमिया को जड़ से समाप्त करने के लिए शुरू किए जा रहे, इस अभियान मंे व्यापक जनभागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने अपने पत्र मंे कहा है कि 02 अक्टूबर 2019 को आयोजित होने वाले ग्रामसभा के एजेंडे में 0 से 5 आयु वर्ग के बच्चों मंे व्याप्त कुपोषण एवं एनीमिया तथा 15 से 49 आयु वर्ग की महिलाओं मंे व्याप्त एनीमिया को जड़ से समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री का संकल्प वाचन एवं मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान चलाए जाने संबंधी विषय को शामिल कर ग्रामसभा में चर्चा की जाए। इसी प्रकार इस दिन अभियान के शुभारंभ के लिए जिला, विकासखण्ड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर वृहद रूप से कार्यक्रम आयोजित किए जाए। इन कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक सहित जिला पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधि, जनपद पंचायत के जनप्रतिनिधिगण, सरपंच, त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और नगरीय संस्थाओं के जनप्रतिनिधि गणमान्य नागरिक, स्वयं सेवी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों एवं समाज के प्रतिष्ठित लोगों को आमंत्रित किया जाए।
अभियान का शुभारंभ किए जाने के लिए वर्तमान मंे जिले में 0 से 5 आयु वर्ग के कुपोषित बच्चों एवं एनीमिया से पीडि़त गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं के साथ-साथ जिन हितग्राहियों की नामवार चिन्हांकन सूची उपलब्ध है जिला स्तर पर इन चिन्हांकित हितग्राहियों को लेकर अभियान का शुभारंभ किया जाए तथा हितग्राहियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जा रही पूरक पोषण आहार के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध एवं आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त पौष्टिक पोषण आहार एवं अन्य सेवाएं यथा-परामर्श सेवाएं, आयरन, फोलिक एसिड, कृमिनाशक गोली वितरित की जाए।

अभियान अंतर्गत 0 से 05 आयु वर्ग के एनीमिया से पीडि़त बच्चों एवं 15 से 49 आयु वर्ग के एनीमिया पीडि़त महिलाओं का चिन्हांकन की कार्यवाही के लिए जिले में समय सरणाी तैयार करते हुए एक निश्चित समयावधि में पूर्ण किया जावें एवं जैसे-जैसे इन हितग्राहियों को ग्रामवार-नामवार चिन्हांकन की कार्यवाही पूर्ण होती है, वैसे-वैसे चरणबद्ध रूप से इन हितग्राहियों को अभियान मंे शामिल करते हुए लाभान्वित किया जाए।

अभियान का शुभारंभ एवं क्रियान्वयन के पूर्व हितग्राहियों को पौष्टिक आहार प्रदान करते हुए वितरण केन्द्र एवं क्रियान्वयन एजेंसी का चयन की कार्यवाही कर ली जाए। अभियान शुभारंभ के दिन स्वास्थ्य एवं महिला जागृति शिविर का आयोजन कर कुपोषण एवं एनीमिया के बारे में जानकारी दी जाए। अभियान में होने वाले व्यय डी.एम.एफ.-सी.एस.आर.-जन सहयोग अथवा जिला स्तर पर उपलब्ध राशि से किया किया जाए। स्वयंसेवी संस्थाओं, व्यावसायिक-सामाजिक संगठनों एवं मीडिया प्रतिनिधियां की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित किया जाए। अधिकारियों-जनप्रतिनिधियों-स्वयंसेवी संगठनों को ग्रामांे मे भ्रमण के समय अपने हाथों से हितग्राहियों को भोजन कराने हेतु प्रेरित करें। अभियान शुभारंभ के पहले विभिन्न प्रचार माध्यमों, नारे लेखन, कुपोषण एवं एनीमिया जागरूकता रथ आदि के माध्यम से अभियान का प्रचार-प्रसार किया जाए।

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