स्कूल शिक्षा मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर ई-एजुकेटर्स और डिजिटल नवसाक्षरों को प्रदान किया आखर सम्मान

स्कूल शिक्षा मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर ई-एजुकेटर्स और डिजिटल नवसाक्षरों को प्रदान किया आखर सम्मान
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रायपुर,  अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर 8 सितम्बर को स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के सभागृह में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में ‘मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम‘ अंतर्गत ई-एजुकेटर्स और डिजिटल नवसाक्षरों को ‘आखर सम्मान‘ प्रदान किया। उन्होंने इस अवसर पर शिक्षकों के लिए टीम्स टी एप लाॅन्च और आखर अंजोर-श्रेष्ठ पालकत्व कार्यक्रम-कैलेण्डर, पोस्टर, चित्रकार्ड, निर्देश कार्ड का विमोचन किया। इस एप में शिक्षकों के पे-स्केल, पदस्थापना, योग्यता और व्यवसायिक योग्यता की जानकारी शामिल की गई है। समारोह का आयोजन राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा किया गया।

स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाह सिंह ने प्रदेशवासियों को साक्षरता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जीवन में शिक्षा का बड़ा महत्व है। उन्होेंने कहा कि 21वीं सदी संचार तकनीक की सदी है। सूचना संचार तकनीक से समृद्ध जनमानस राज्य के विकास में महती भूमिका निभा सकते हैं और दैनिक जीवन में ई-साक्षरता का उपयोग करके अपने जीवन को बेहतर बना सकते है।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण ‘मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम प्रदेश के 27 जिलों के 36 केन्द्रों में संचालित हो रहा है। इसका उद्देश्य शहरी महिलाओं को डिजिटल साक्षर बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का शिक्षा के प्रति लगाव बहुत अधिक है। साक्षरता केन्द्र शुरू होने के बाद अब तक 3 माह में 2700 शिक्षार्थी डिजिटल साक्षर बने हैं।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि डिजिटल साक्षरता के माध्यम से उन्हें कम्प्यूटर के साथ सभी प्रकार के डिजिटल उपकरणों जैसे टेबलेट, मोबाइल आदि उपकरणों से परिचित कराते हुए उन्हें इसका चलाना सिखाया जा रहा है। इसी तरह इंटरनेट का उपयोग, आॅनलाइन सेवा के द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं और लक्ष्यों की जानकारी प्राप्त करने, ई-आवेदन जमा करने, कैश-लेस लेनदेन, ई-भुगतान, डिजिटल लाॅकर का उपयोग करने व दस्तावेजों की ई-शेयरिंग करने जैसे कार्य भी सिखाए जा रहे है। इसी तरह ई-मेल, अत्यावश्यक सेवा जैसे रेल और बस का टिकट बुक करना, मोबाइल एवं टी.व्ही. रिचार्ज, बिजली बिल भुगतान, गैस सिलेण्डर बुक करना जैसे व्यावहारिक प्रयोग भी बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही आत्मरक्षा, आखर अंजोर श्रेष्ठ पालकत्व, चुनावी साक्षरता, विधिक साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, व्यक्तित्व विकास नागरिक कत्र्तव्य, जीवन मूल्यों जैसे विषयों पर भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य साक्षरता क्रांति के दौर में छत्तीसगढ़ के नागरिकों को अधिक डिजिटल साक्षर बनाना उन्नत तकनीक से उनकी कार्यक्षमता का उन्नयन करना है। इसके लिए नगरीय निकायों में वंचित वर्ग तक ई-साक्षरता की पहंुच बनाना प्रारंभ हो गया है।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने समारोह में ‘मुख्यमंत्री शहरी कार्यात्मक साक्षरता कार्यक्रम‘ अंतर्गत पुरस्कार प्राप्त करने वाले ई-एजुकेटर्स और डिजिटल नवसाक्षरों को भी शुभकामनाएं और बधाई दी।
समारोह समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शारदा वर्मा, विधायक सर्वश्री सत्यनारायण शर्मा, कुलदीप सिंह जुनेजा, विकास उपाध्याय, बृजमोहन अग्रवाल, महापौर श्री प्रमोद दुबे शामिल हुए। कार्यक्रम मंे स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी ने विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर पर संचालक लोक शिक्षण श्री एस प्रकाश, संचालक राज्य शिक्षण एवं प्रशिक्षण परिषद श्री पी. दयानंद, कलेक्टर डाॅ. एस. भारतीदासन, विशेष सचिव स्कूल शिक्षा श्री सौरभ कुमार सहित स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी और स्कूली बच्चें उपस्थित थे।

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