सतनामी समाज के लिये दलित शब्द का उपयोग गलत

सतनामी समाज के लिये दलित शब्द का उपयोग गलत
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भाजपा ने किया सतनामी समाज का अपमान किया
सतनामी समाज सत्य की आराधना करने वाले स्वाभिमानी समाज
भाजपा नेता अनुसूचित जाति के लिये प्रतिबंधित शब्दों के प्रयोग के दोषी
भाजपा नेता सतनामी समाज से और छत्तीसगढ़ की जनता से करें क्षमा याचना

रायपुर: रायपुर के गोंदवारा बस्ती में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह तथा भाजपा के तमाम बड़े नेताओं की उपस्थिति में भाजपा के नेताओं द्वारा दलित शब्द का प्रयोग पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने इसे छत्तीसगढ के सतनामी समाज के लोगों का अपमान निरूपित किया है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सतनामी समाज के लिये दलित शब्द का उपयोग गलत है।

भाजपा ने सतनामी समाज का अपमान किया है। सतनामी समाज सत्य की आराधना करने वाले स्वाभिमानी समाज है। भाजपा नेता अनुसूचित जाति के लिये प्रतिबंधित शब्दों के प्रयोग के दोषी है। भाजपा नेता सतनामी समाज से और छत्तीसगढ़ की जनता से क्षमा याचना करें।
छत्तीसगढ में लगभग 40 लाख सतनामी समाज के लोग निवास करते हैं जो अनुसूचित जाति वर्ग के अन्तर्गत आते हैं। गोंदवारा बस्ती रायपुर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है जहां हजारों की संख्या में सतनामी समाज के लोग गोदवारा बस्ती में निवास करते हैं। सतनामी जाति के लिए “दलित“ शब्द पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है।इस सबंध में विधिवत माननीय न्यायालय, केन्द्र व राज्य सरकार से आदेश जारी हुआ है।

सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग प्रमुखों, संभागीय कमिश्नरों, कलेक्टरों व जिला पंचायत के सीईओ को परिपत्र जारी कर केन्द्र सरकार के इस संबंध में दिए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने कहा है। इसी साल मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि केन्द्र व राज्य सरकारों को पत्राचार में ‘दलित‘ शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिये, क्योंकि यह शब्द संविधान में नहीं है। बाद में यही आदेश मुंबई हाईकोर्ट द्वारा भी दिया गया। केन्द्र सरकार ने भी मध्यप्रदेश द्वारा 21 जनवरी 2018 को दिए गए फैसले के अनुसार शासकीय दस्तावेज व कई स्थानों पर ‘दलित‘ शब्द के प्रयोग पर रोक लगाई थी। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का हवाला देते हुये केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों में ‘दलित‘ शब्द के उपयोग को रोकने के निर्देश जारी किए थे।

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