सामाजिक समरसता छत्तीसगढ़ की बुनियादी पहचान : मुख्यमंत्री

सामाजिक समरसता छत्तीसगढ़ की बुनियादी पहचान : मुख्यमंत्री
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रायपुर, मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने कहा है कि सामाजिक समरसता छŸाीसगढ़ की बुनियादी पहचान है। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज जिला मुख्यालय राजनांदगांव के पùश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में आयोजित कलार समाज के युवक-युवती परिचय सम्मेलन एवं सामाजिक मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने समारोह में कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के हितों को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए अपने कार्यकाल के पहले ही दिन किसानों की कर्ज माफी और 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर पर धान खरीदी करने का निर्णय लिया है। उन्होंने नरवा, घुरूवा, गरूवा एवं बारी को छŸाीसगढ़ राज्य की पहचान बताते हुए इस दिशा में काम करने की बात कही।

मुख्यमंत्री ने पशुधन को छŸाीसगढ़ राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए कहा कि हमारी सरकार ने मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था के लिए ग्राम सभा में गौठान एवं चारागाह के लिए गांवों में जमीन चिन्हित करने का निर्देश जारी किया है। श्री बघेल ने कहा कि खेती किसानी की लागत को कम करना एवं भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाना हमारा उद्देश्य है। श्री बघेल ने वनांचल क्षेत्रों में 13 दिसम्बर 2005 से पहले वन भूमि में काबिज होने वाले पात्र हितग्राहियों को पट्टा दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच डिसमिल से कम के भूखंडों को रजिस्ट्री करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस अवसर पर श्री बघेल ने समाज के आराध्य देव भगवान सहóबाहु एवं समाज की गौरव बहादुर कलारीन को स्मरण कर उन्हें नमन किया। इस दौरान उन्होंने कलार समाज की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।

कार्यक्रम को विधायक बालोद संगीता सिन्हा, विधायक मनेन्द्रगढ़ डॉ. विनय जायसवाल ने संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक खुजी  छन्नी साहू, विधायक मोहला-मानपुर  इन्द्रशाह मंडावी, जिला पंचायत अध्यक्ष चित्रलेखा वर्मा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष  सुरेन्द्र दाऊ सहित समाज के पदाधिकारी एवं सामाजिक बंधु उपस्थित थे।

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