जल-जंगल और जमीन को सुरक्षित रखने में आदिवासी समाज का महत्वपूर्ण योगदान:गृहमंत्री रामसेवक पैंकरा

जल-जंगल और जमीन को सुरक्षित रखने में आदिवासी समाज का महत्वपूर्ण योगदान:गृहमंत्री रामसेवक पैंकरा
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महासमुंद, प्रदेश के गृह, जेल एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रामसेवक पैंकरा ने कल जिले के बागबाहरा विकासखंड मुख्यालय के कृषि उपज मंडी प्रागंण में विश्व आदिवासी दिवस समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने आदिवासी समाज के लोगांे द्वारा समाज में उल्लेखनीय कार्य करने वाले तथा बोर्ड कक्षाओं में मेरिट अंक हासिल करने वाले प्रतिभावान विद्यार्थियों को प्रतीक चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर श्री फुलसिंग ध्रुव, श्रीमती बंसता ठाकुर, श्री कमलेश ध््राुव, श्री कल्याण सिंह बरिहा, श्री थानसिंह दिवान, श्री कदम सिदार, श्री मोहित ध्रुव, श्री एस.के. ध्रुव, श्रीमती कुमारी बाई दिवान, श्री प्रीतम दिवान, श्रीमती उर्वशी नेताम सहित अन्य समाज प्रमुख जन उपस्थित थे।
गृहमंत्री श्री पैकरा ने इस अवसर पर विशाल जन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज स्वाभिमान के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। शिक्षा और स्वलंबन तथा प्रकृति से जुड़ी अपनी संस्कृति और परम्परा को और अधिक सशक्त बनाकर समाज और आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि जल-जंगल और जमीन को सुरक्षित रखने में आदिवासी समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बजट के 35 प्रतिशत हिस्सा के आदिवासी बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए खर्च किया जाता है। आज आदिवासी क्षेत्रों में वहां के बच्चों को बेहतर शिक्षा एवं रोजगार मिल सके इसके लिए मॉडल स्कूल, छात्रावास, पक्की सड़क, लाईवलीहुड कॉलेज, एकलब्य विद्यालय, प्रयास विद्यालय सहित अन्य सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराएं जा रहे है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज सहित विभिन्न समाजों के प्रतिभाशाली विद्यार्थीे आईआईटी, एनआईटी, संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चयनित होकर समाज की सेवा कर रहे है। उन्होंने बताया कि वनांचल क्षेत्र में तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य करने वाले लगभग 14 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका वितरित की जाती है।
श्री पैंकरा ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से आदिवासी समाज निरंतर आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार आदिवासियों के लिए अनेक प्रकार की जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की है। जिसका अधिक से अधिक लाभ समाज के वर्गो को उठाकर आगे बढ़ना चाहिए। इसके लिए उन्होंने समाज के पढ़े-लिखे लोगांे शासकीय सेवकों द्वारा युवाओं को अधिक से अधिक प्रेरित करने की अपील की। जिससे की वे अपने सामाजिक विकास में सहभागिता निभा सके। उन्होंने कहा कि आदिवासी संस्कृति हमारी पहचान है। समाज के लोग अपनी प्राचीन गौरवशाली संस्कृति को बनाए रखे हुए हैं। इस अवसर पर विभिन्न आदिवासी समाज के पदाधिकारीगण, समाज प्रमुख एवं बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे।

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