मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से किया विकास की मुख्य धारा में शामिल होने का आव्हान

मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से किया विकास की मुख्य धारा में शामिल होने का आव्हान
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रायपुर : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने नक्सलियों से एक बार फिर विकास की मुख्य धारा में शामिल होने का आव्हान किया है। उन्होंने कहा है कि शांति से ही विकास होगा। स्कूलों, छात्रावासों और अस्पतालों को नुकसान पहुंचाने से विकास नहीं होगा। बंदूक की गोली से सिर्फ मौत होती है। डॉ. सिंह ने मुख्य धारा में शामिल होने पर नक्सलियों को भी राज्य शासन के विकास योजनाओं का लाभ प्रदान करने का वायदा किया।
मुख्यमंत्री आज दोपहर राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के जिला मुख्यालय नारायणपुर में आयोजित पंच-सरपंचों और किसानों के एक विशाल सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। डॉ. सिंह ने इस अवसर पर नारायणपुर जिले के लिए 71 करोड़ 65 लाख रूपए के 39 निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें से 57 करोड़ रूपए के 31 नये स्वीकृत निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और शिलान्यास मुख्यमंत्री के हाथों सम्पन्न हुआ। डॉ. रमन सिंह ने इस अवसर पर जिले में विभिन्न जनसुविधाओं के विकास और विस्तार के लिए 45 करोड़ रूपए के 10 नये निर्माण कार्यों को तत्काल मंजूरी देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नारायणपुर शहर में 50 लाख रूपए की लागत से ऊर्जा पार्क बनाया जाएगा, जहां सौर ऊर्जा तथा वैकल्पिक ऊर्जा के अन्य स्रोतों के बारे में छात्र-छात्राओं और आम नागरिकों को सुरूचिपूर्ण जानकारी मिलेगी। डॉ. सिंह ने सौर सुजला योजना के तहत जिले के 500 किसानों को खेतों में सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई पम्प देने के लिए 24 करोड़ रूपए, नारायणपुर शहर में विद्युत विस्तार के लिए 50 लाख रूपए निकटवर्ती ग्राम करांजी में निर्माणाधीन एजुकेशन हब में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए एक करोड़ रूपए और खेल मैदान बनाने के लिए 40 लाख रूपए मंजूर करने का ऐलान किया। उन्होंने जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र के ओरछा और आताबेड़ा में 33/11 के.व्ही. विद्युत उपकेन्द्र निर्माण के लिए छह-छह करोड़ रूपए भी तत्काल मंजूर कर दिए। डॉ. सिंह ने नारायणपुर जिला अस्पताल में दो एम्बुलेंस और दो विशेषज्ञ डॉक्टरों की पद स्थापना की मंजूरी देने का भी ऐलान किया। डॉ. सिंह ने नारायणपुर शहर की सड़कों के डामरीकरण के लिए पांच करोड़ रूपए और वहां के पहाड़ी मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए 60 लाख रूपए मंजूर करने की भी घोषणा की। डॉ. सिंह ने सरस्वती साइकिल योजना के तहत हाई स्कूल स्तर की बालिकाओं को साइकिलों का वितरण किया, वहीं उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह समारोह में 190 नवदम्पतियों को आशीर्वाद प्रदान कर बधाई और शुभकामनाएं दी।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा – आदिवासी बहुल नारायणपुर जिला विकास के मामले में इतिहास रच रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्य स्थापना दिवस पर छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए प्रारंभ की गई ‘सौर सुजला’ योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि अबूझमाड़ और नारायणपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों से सोलर सिंचाई पम्प की जितनी भी मांग आएगी, वह पूरी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नारायणपुर जिले में अबूझमाड़ क्षेत्र के लोग भी अब मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं। बस्तर नेट परियोजना के माध्यम से बस्तर संभाग के सभी सात जिलों को बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जाएगी और इस क्षेत्र के मोबाइल टावरों की क्षमता मंे भी विस्तार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नारायणपुर जिले का अबूझमाड़ क्षेत्र अब अबूझ नहीं रहेगा। इस क्षेत्र के 62  गांवों के विद्युतीकरण का काम पूरा हो गया है। अबूझमाड़ क्षेत्र के 56 गांवों के विद्युतीकरण का काम चल रहा है। छोटे डोंगर में 33/11 केव्ही के विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण किया गया है। उन्होंने इस जिले के 60 अतिरिक्त गांवों के विद्युतीकरण की मंजूरी की घोषणा भी सम्मेलन में की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन के प्रयासों से अब नारायणपुर जिले के गांवों में राज्य शासन की योजनाएं पहुंच रही है। सड़कों का निर्माण इस क्षेत्र के लोगों तक महतारी एक्सप्रेस 102, संजीवनी एम्बुलेंस 108 की सुविधा और राशन पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विकास से लम्बे समय तक इन क्षेत्रों में बिजली, सड़क, पुल-पुलियों, स्कूलों, छात्रावास और अस्पतालों के निर्माण का विरोध नहीं किया जाना चाहिए। राज्य शासन ये सभी सुविधाएं इन क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है और लगातार इसके लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्यों का विरोध करने वालों को किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं देना चाहिए। हमें ऐसे लोगों का गांधीवादी तरीके से असहयोग करते हुए विरोध करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले दो वर्षों में प्रदेश के विद्युत विहीन लगभग एक हजार 80 गांवों और लगभग पांच हजार 600 मजरे टोलों तक बिजली पहुंचाने की कार्य योजना पर राज्य सरकार काम कर रही है। उन्होंने सम्म्मेलन में लोगों की बड़ी संख्या में उपस्थिति देखकर कहा कि जिले में विकास कार्योंं के लिए लोगों का विश्वास मिल रहा है। अब विकास रथ को तेजी से आगे बढ़ाने का सही समय है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता जतायी कि बस्तर बटालियन में जिले के 120 युवाओं का चयन हुआ है और सैकड़ों युवाओें का चयन सुरक्षा गार्ड के रूप में हुआ है। इस क्षेत्र में शिक्षा के प्रति जागृति आयी है और कई बच्चों का चयन मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए हुआ है।
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में करोड़ों की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। कन्यादान योजना के अंतर्गत 190 नव विवाहित दम्पतियों को आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने हाई स्कूल की 865 छात्राओं को सरस्वती सायकल योजना के अंतर्गत सायकलें, उज्ज्वला योजना के अंतर्गत महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन, तेन्दूपत्ता संग्राहकों को बोनस और कृषि विभाग की योजनाओं के अंतर्गत किसानों को सामग्री और अनुदान राशि के चेक वितरित किए। सम्मेलन में आदिम जाति विकास मंत्री श्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशीला साहू, लोकसभा सांसद श्री दिनेश कश्यप और विधायक श्री भोजराज नाग सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला-पुरूष उपस्थित थे।

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