आपके लिए कौन सा रत्न है शुभ

आपके लिए कौन सा रत्न है शुभ
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

रत्न कोई भी हो अपने आपमें प्रभावशाली होता है. हीरा शुक्र को अनुकूल बनाने के लिए होता है तो नीलम शनि को. इसी प्रकार माणिक रत्न सूर्य के प्रभाव को कई गुना बढ़ा कर उत्तम फलदायी होता है. मोती जहां मन को शांति प्रदान करता है वहीं मूंगा उष्णता प्रदान करता है. इसके पहनने से साहस में वृद्धि होती है. रत्नों में मुख्यतः नौ ही रत्न ज्यादा पहने जाते हैं. सूर्य के लिए माणिक, चन्द्र के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम, राहु के लिए गोमेद, केतु के लिए लहसुनियाँ. आइए जानते हैं इन नौ रत्नों के बारे में….

पुखराज :- पुखराज रत्न सभी रत्नों का राजा है. इसे पहनने वाला प्रतिष्ठा पाता है व उच्च पद पर आसीन हो सकता है. अपनी योग्यतानुसार रत्न पहनने से कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है. कोई भी व्यक्ति धमकी, निर्देश आदि देता है तो इसी ऊंगली का प्रयोग करता है. यही ऊंगली लड़ाई का भी कारण बनती है. इसलिए गुरु का रत्न पुखराज इस ऊंगली में पहनने की सलाह दी जाती है. पुखराज पहनने से उस जातक में गंभीरता आती है. साथ ही वह अन्याय के प्रति सजग हो जाता है. यह धर्म-कर्म में भी आस्था जगाता है. गुरु का प्रभाव बढ़ाने और उसके अशुभ प्रभाव को खत्म करने के लिए पुखराज पहना जाता है.

नीलम :- यह शुभ फल देने में सहायक होता है, यह अक्सर लोहे के व्यवसायी, प्रशासनिक व्यक्ति और राजनेताओं को पहनना चाहिए. इसके बारे में यह कहावत है कि यह रत्न तुरन्त फलदायी होता है व यह शुभ या अशुभ परिणाम शीध्र देने में सक्षम हैं. यह रत्न बगैर किसी जानकार की सलाह के नहीं पहनना चाहिए.

माणिक :- माणिक अनामिका में पहना जाता है, यह सूर्य का रत्न है. बर्मा का माणिक अधिक महंगा होता है. बर्मा का माणिक अनार के दाने के समान होता है. इसे नेता, राजनीति से संबंध रखने वाले, उच्च पदाधिकारी, न्यायाधीश, कलेक्टर आदि पहन सकते हैं.

पन्ना :- कनिष्का ऊंगली में पन्ना पहना जाता है, यह बौधिक गुणों को बढ़ाता है, इसे बिजनेसमैन ज्यादा पहनते हैं. इसको पत्रकारिता, सेल्समैन, प्रकाशन, दिमागी कार्य करने वाले, कलाकार, वाकपटु व्यक्ति पहन सकते हैं.

मूँगा :- मूँगा ऊर्जा बढ़ाने वाला, साहस, महत्वाकांक्षा में वृद्धि व शत्रुओं पर प्रभाव डालने वाला होता है. इसके मित्र गुरु, सूर्य हैं व मकर में उच्च का होने से इसे मध्यमा, तर्जनी व अनामिका में धारण किया जाता है. इसको राजनीतिज्ञ, पुलिस प्रशासन से जुडे व्यक्ति व उच्च पदाधिकारी, भूमि से संबंधित व्यक्तिगण, बिल्डर, कॉलोनाइजर आदि पहन सकते हैं.

मोती :- कनिष्का ऊंगली में मोती पहनना शुभ फलदायी रहता है, क्योंकि कनिष्का ऊंगली के ठीक नीचे चन्द्र पर्वत है. इस कारण चन्द्र के अशुभ परिणाम व शुभत्व के लिए यह शुभ रहता है. इसे अनामिका में नहीं पहनना चाहिए. यह रत्न मन को अशान्ति से बचाता है.

हीरा रत्न :- हीरा रत्न अत्यन्त महंगा व दिखने में सुन्दर होता है. इसे तर्जनी ऊंगली में पहनते हैं, क्योंकि तर्जनी ऊंगली के ठीक नीचे शुक्र पर्वत होता है. शुक्र के अशुभ प्रभाव को नष्ट कर शुभ फल हेतु हीरा पहनते हैं. इसे कलाकार, सौंदर्य प्रसाधन से जुडे़ व्यक्ति, प्रेमी, इंजीनियर, चिकित्सक, कलात्मक वस्तुओं के विक्रेता पहन सकते हैं.

रत्न गोमेद :- राहु का रत्न गोमेद कनिष्का में पहनना चाहिए, इसे राजनीति, जासूसी, जुआ-सट्टा, तंत्र-मंत्र से जुडे़ व्यक्ति पहन सकते हैं. यह राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करता है.

लहसुनियाँ रत्न :- लहसुनियाँ रत्न तर्जनी में पहनना चाहिए, यह ऊंचाइयां प्रदान करता है व शत्रुहन्ता होता है. इस रत्न को हीरे के साथ कभी भी नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि इससे बार-बार दुर्घटना का योग बनता रहेगा.

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

watchm7j

Leave a Reply

Your email address will not be published.