राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका : डॉ. रमन सिंह

राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका : डॉ. रमन सिंह
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रायपुर:मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राजधानी रायपुर में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.सी.) स्कूलों के संगठन ‘अभ्युदय’ (सहोदया) के तीन दिवसीय 22 वें राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। नई पीढ़ी और समाज को गढ़ने का कार्य हमारे शिक्षक बखूबी कर रहे हैं। हमारी नई पीढ़ी ने अपनी प्रतिभा और परिश्रम से पूरी दुनिया में यह साबित कर दिखाया है कि भारत की नई पीढ़ी हर चुनौती का सामना करने में सक्षम है।
‘अभ्युदय’ (सहोदया) संगठन का गठन शिक्षा में गुणात्मक सुधार और एक दूसरे स्कूल से अध्ययन, अध्यापन और शिक्षा से जुड़ी बेहतर पद्धतियों को सीखने के उददेश्य से 1986 में किया गया। इस संगठन के छत्तीसगढ़ चेप्टर का गठन वर्ष 2011 में किया गया, जिसमें प्रदेश के 32 सीबीएसई स्कूल शामिल हैं। आज राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में देश और विदेशों के सीबीएसई स्कूलों के प्राचार्य बड़ी संख्या में शमिल हुए। सम्मेलन में सीबीएसई के चेयरमेन श्री आर.के.चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव और भुवनेश्वर क्षेत्र के क्षेत्रीय अधिकारी श्री एल.एल.मीणा विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्जवलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री ने इस संगठन द्वारा शिक्षा को और भी अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाने और शिक्षा के प्रचार -प्रसार के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन कौशल उन्नयन पर केन्द्रित है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जिसने कानून बनाकर प्रदेश के युवाओं को कौशल उन्नयन का अधिकार दिया है। प्रदेश के सभी 27 जिलों में लाइवलीहुड कॉलेज प्रारंभ किए गए हैं। इन कॉलेजों के साथ आईटीआई पॉलीटेक्निक कॉलेजों में युवाओं को उनकी रूचि के टेªड (व्यवसाय) में कौशल उन्न्यन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।  प्रदेश में नई पीढ़ी की शिक्षा के बेहतर अवसरों के लिए एम्स, आई.आई.टी., एन.आई.टी., आई.आई.एम., हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय जैसे देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षा संस्थान संचालित हैं। प्रदेश के दूरस्थ नक्सल प्रभावित आदिवासी अंचल दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के 27 छात्र-छात्राओं का चयन इस वर्ष भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में हुआ है। इसके साथ ही राष्ट्रीय प्रौद्यौगिकी संस्थान, मेडिकल कॉलेजों और देश के श्रेष्ठ शिक्षा संस्थानों में इन क्षेत्रों के विद्यार्थी अपनी प्रतिभा और मेहनत से प्रवेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सम्मेलन में आए हुए प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए उन्हें छत्तीसगढ़ के संसाधनों, संभावनाओं, चुनौतियों और राज्य गठन के बाद सोलह वर्षों की विकास यात्रा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डॉ. सिंह ने मुख्यमंत्री खाद्यन्न एवं पोषण सुरक्षा योजना और प्रदेश में विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में हासिल की गयी सफलता के बारे में विशेष रूप से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार और विकास कार्यों की मदद से नक्सल समस्या का जल्द ही समाधान होगा। उन्होंने बताया कि नया रायपुर के रूप में 21वीं सदी की पहली राजधानी विकसित की जा रही है। सहोदया के छत्तीसगढ़ सेक्टर की अध्यक्ष सुश्री कल्पना चौधरी ने संगठन के इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आज व्यावसायिक शिक्षा को लेकर समाज के दृष्टिकोण में परिवर्तन की आवश्यकता है। कौशल उन्नयन से नई पीढ़ी स्वावलम्बी और हर चुनौती का सामना करने के योग्य बनेगी। सम्मेलन में सहोदया के छत्तीसगढ़ चेप्टर के उपाध्यक्ष श्री रघुनाथ मुखर्जी, सचिव श्री अभिताभ घोष और कोषाध्यक्ष श्री आशुतोष त्रिपाठी सहित अनेक पदाधिकारी और देश, विदेश से आये प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे। स्कूली छात्र-छात्राओं ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी गीत प्रस्तुत किए।

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