बिहार में शराबबंदी के बाद बाल विवाह व दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान

बिहार में शराबबंदी के बाद बाल विवाह व दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान
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पटना : शराबबंदी अभियान के बाद अब राज्य सरकार बाल विवाह व दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान चलायेगी. इसका निर्णय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में लिया. 1, अणे मार्ग में आयोजित बैठक में उन्होंने बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ कैंपेन प्लान तैयार करने का निर्देश दिया. सीएम ने कहा कि ये सामाजिक मुद्दे हैं और आधी बीमारी की जड़ बाल विवाह है. इसके खिलाफ अभियान चले. इसमें समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण  विकास विभाग को जोड़ा जाये.   मुख्यमंत्री ने सीएम नारी शक्ति योजना के सभी कंपोनेंट्स की भी समीक्षा की और कहा कि अब तक कितने  लोगों को इसका लाभ मिल सका है, इसकी जानकारी दें. उन्होंने कहा कि इस योजना को और सशक्त बनाना है, ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके. साथ ही मुख्यमंत्री ने विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा को महिला सशक्तीकरण नीति से संबंधित एक बैठक बुलाने और एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया.
बैठक में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की विस्तृत रूप में समीक्षा की गयी. पेंशन योजनाओं में हो रहे वित्तीय लेन-देन पर विशेष चर्चा की गयी. आइसीडीएस द्वारा चलायी जा रही टीएचआर पर भी चर्चा हुई. महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक एन  विजयलक्ष्मी ने पावर प्वाइंट  प्रेजेंटेशन दिया. समाज कल्याण विभाग की प्रधान सचिव वंदना किनी ने भी विभाग की योजनाओं की जानकारी पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिये दी. बैठक में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा, विकास आयुक्त शिशिर कुमार सिन्हा, सीएम के सचिव अतीश चंद्रा व मनीष कुमार वर्मा मौजूद थे.
बैठक में इन योजनाओं या मुद्दों पर हुई चर्चा 
बैठक में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, फूड सेफ्टी एंड न्यूट्रिएंट,  रियल टाइम मॉनीटरिंग,  आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण  योजना, बिहार शताब्दी कुष्ठ कल्याण  योजना, पुनर्वास गृह, बसेरा (शेल्टर  विथ किचेन), वृद्धाश्रम निर्माण,   मुख्यमंत्री नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन  अनुदान योजना, मुख्यमंत्री कन्या  विवाह योजना, परवरिश योजना पर चर्चा हुई.
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