मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के सुपोषण अभियान का नतीजा छत्तीसगढ़ सुपोषण के मामले में 21 राज्यों में नंबर वन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के सुपोषण अभियान का नतीजा छत्तीसगढ़ सुपोषण के मामले में 21 राज्यों में नंबर वन
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रायपुर। एनएफएसएस डाटा के सर्वे में छत्तीसगढ़ सुपोषण के मामले में 21 राज्यों में अव्वल नंबर प्राप्त करने पर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार को बधाई दी। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शपथ लेने के बाद पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा था कि राज्य में नक्सल से बड़ी समस्या 37.7 प्रतिशत बच्चों के कुपोषित होना है। अगर हम छत्तीसगढ़ के विकास की परिकल्पना करते हैं और हमारे राज्य का आने वाला भविष्य 37.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषित रहे तो हमारी विकास की अवधारणा अधूरी है। मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल ने बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 150वीं जयंती के दिन 2 अक्टूबर 2019 को कुपोषण मुक्ति महाअभियान मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत की, जिसके बेहतर परिणाम मिले हैं। देश के 21 राज्यों में एनएफएचएस-4 के द्वारा किए गए सुपोषित बच्चो के सर्वे में छत्तीसगढ़ 21 राज्यो में सुपोषित बच्चो के मामले में नम्बर वन है। 2015-16 में एनएफएचएस-4 के डाटा सर्वे में 37.7 प्रतिशतबच्चे कुपोषित थे।2021 के सर्वे में छत्तीसगढ़ में कुपोषण में 18.86 प्रतिशत की कमी आई है। छत्तीसगढ़ को छोड़कर बाकी 20 राज्यों में कुपोषण बढ़ी है और छत्तीसगढ़ में कुपोषण में कमी आई है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार बच्चों के कुपोषण को दूर करने के लिए स्कूल एवं आंगनबाड़ी में गर्म भोजन बच्चों के रूचि के अनुसार खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रही है दूध अंडा सोयाबीन की बड़ी, दलिया, चना, फल-फ्रुट और अन्य प्रकार के प्रोटीन युक्त आहार के साथ-साथ मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के माध्यम से गर्म भोजन उपलब्ध करा रही है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य क्लीनिक, मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान, आंगनबाड़ी के माध्यम से गर्म भोजन का टिफिन घर तक पहुंचाया गया जन जागरूकता के माध्यम से कुपोषण के खिलाफ एक मजबूत रणनीति के साथ लड़ाई लड़ी गई जिसका सुखद परिणाम है कि 3 साल के भीतर छत्तीसगढ़ सुपोषण के मामले में 21 राज्यों में अव्वल नम्बर पर पहुंच गया है।

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