कृषि कानूनों को लेकर 'सुप्रीम' फैसले पर आई सरकार की पहली प्रतिक्रिया

कृषि कानूनों को लेकर 'सुप्रीम' फैसले पर आई सरकार की पहली प्रतिक्रिया
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

नई दिल्ली
केंद्र सरकार ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक उसकी इच्छा के विपरीत है लेकिन शीर्ष अदालत का निर्देश सर्वमान्य है। केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने उच्चतम न्यायालय द्वारा गतिरोध समाप्त करने के लिए गठित समिति को निष्पक्ष बताया और कहा कि सरकार वार्ता के लिए हमेशा तैयार रही है लेकिन यह किसान संगठनों पर निर्भर है कि 15 जनवरी को निर्धारित नौवें दौर की वार्ता में वे आगे बढ़ने चाहते है या नहीं।

‘सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे अनुकूल नहीं, लेकिन सर्वमान्य’
राजस्थान से सांसद चौधरी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि शीर्ष न्यायालय का जो भी फैसला होगा वह कानूनों को उनके मौजूदा स्वरूप में क्रियान्वयन सुनिश्चित करने से संबंधित होगा। उन्होंने कहा, “उच्चतम न्यायालय का आदेश हमारी इच्छा के विपरीत है। हम चाहते हैं कि ये कानून जारी रहें। हालांकि अदालत का फैसला सर्वमान्य है।” इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों के क्रियान्वयन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी और किसान संगठनों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए चार-सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया।

किसानों के साथ-साथ देशभर के विशेषज्ञों की राय लेगी समिति
अदालत के आदेश के बाद किसान संगठनों ने कहा कि उन्हें कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं हैं और वे समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे और अपना आंदोलन जारी रखेंगे। चौधरी ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर केंद्र सरकार की तरफ से पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं। निश्चित तौर पर एक निष्पक्ष समिति का गठन किया गया है जो सभी किसानों के साथ देश भर के विशेषज्ञों की राय लेगी।”


किसानों के हित में है कृषि कानून: चौधरी

उन्होंने कहा कि समिति सभी के विचारों को समाहित कर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी ओर उसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा। उन्होंने कहा, “नए कृषि कानून किसानों के हित में बनाए गए हैं। आने वाले दिनों में ये कानून किसानों को आत्मनिर्भर बनाएंगे।” यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार 15 जनवरी को किसान संगठनों के साथ निर्धारित वार्ता जारी रखेगी, चौधरी ने कहा, “हम वार्ता के लिए तैयार हैं। अब किसान नेताओं को तय करना है कि वे चाहते हैं कि नहीं।”

‘हम बातचीत को अब भी तैयार’
उन्होंने कहा, “हम अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। लेकिन हम वार्ता के लिए हमेशा तैयार हैं।’’ उन्होंने कहा कि जो किसान इन कानूनों का लाभ उठा रहे हैं उन्हें अब अदालत के फैसले का इंतजार करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार किसानों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध् है और आने वाले दिनों में किसानों को इन नये कानूनों का लाभ जरूर मिलेगा।।”

साभार : नवभारत टाइम्स

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.