रूस: कैंसर से पीड़ित व्लादिमीर पुतिन छोड़ सकते हैं पद, राष्ट्रपति के आलोचक ने किया दावा

रूस: कैंसर से पीड़ित व्लादिमीर पुतिन छोड़ सकते हैं पद, राष्ट्रपति के आलोचक ने किया दावा
Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

मॉस्को
रूस के राष्ट्रपति एक संविधान संशोधन के जरिए 2036 तक पद पर आसीन रहने के लिए योग्य हो गए थे। हालांकि, एक राजनीतिक विश्लेषक ने उनके भविष्य के बारे में हैरान कर देने वाला दावा किया है। उनका कहना है कि पुतिन अगले साल की शुरुआत में राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे देंगे और वजह है उनका स्वास्थ्य। पुतिन के आलोचक वैरली सोलोवी ने दावा किया है कि राष्ट्रपति कैंसर से पीड़ित हैं।

वैलरी पहले दावा कर चुके हैं कि पुतिन को पार्किंसन्स डिजीज है। उन्होंने अब सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि पुतिन का स्वास्थ्य खराब है। उन्होंने शुक्रवार को द सन को बताया कि पुतिन दो बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्हें साइको-न्यूरोलॉजिकल परेशानी है और कैंसर भी है।

पुतिन की बीमारी का दावा
वैलरी ने कहा कि अगर किसी को सटीक जानकारी चाहिए तो वह डॉक्टर नहीं हैं और नैतिक रूप से इस बारे में बताने का अधिकार उन्हें नहीं है। वैलरी पहले भी दावा कर चुके हैं कि इस साल फरवरी में पुतिन की सर्जरी हुई थी। उन्हें सितंबर में हिरासत में लिया गया था जब वह विपक्षी पार्टी के सदस्य सर्जेई फुर्गल की गिरफ्तारी के विरोध में मार्च कर रहे थे।

तो कौन होगा राष्ट्रपति
पुतिन के राष्ट्रपति पद से हटने की स्थिति में कौन कमान संभालने का उम्मीदवार होगा, वैलरी इस पर भी चर्चा कर रहे हैं। इस लिस्ट में पुतिन की बेटी कैटरिना भी शामिल हैं। वह फिलहाल आर्टिफिशल इंटेलिजेंस प्रोग्राम को लीड कर रही हैं। इससे पहले वह तब चर्चा में आई थीं जब देश की कोरोना वायरस वैक्सीन Sputnik V का उनपर ट्रायल किए जाने का दावा पुतिन ने किया था।

पुतिन के अलावा इस साल PM पद से इस्तीफा दे चुके दिमित्री मेदवेदेव और देश के कृषि मंत्री दिमित्री पत्रुशेव भी दावेदार बताए जा रहे हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने पुतिन के बीमार होने या इस्तीफा देने की अटकलों को खारिज किया है।

पुतिन को संरक्षण का बिल
वहीं, इसी हफ्ते रूस के निचले संसदीय हाउस the Duma में उस बिल को समर्थन मिला था जिसमें पुतिन और उनके परिवार को आपराधिक अभियोजन से सुरक्षा मिली थी, भले ही वह राष्ट्रपति न हों। पुतिन के आलोचकों ने सवाल किया है कि उन्हें ऐसे कानून की क्या जरूरत है। गौरतलब है कि क्रेमलिन के ऊपर आलोचक अलेक्सेई नवलनी को novichok नाम का जहर देने का आरोप है। अलेक्सेई जर्मनी में इलाज के बाद ठीक हुए थे।

(Source: Express)

Facebooktwitterredditpinterestlinkedinmail

WatchNews 24x7

Leave a Reply

Your email address will not be published.